शिक्षकों ने अपनी ज्वलंत समस्याओं को लेकर वित्त एवं लेखा अधिकारी का घेराव कर प्रदर्शन किया, वहीं 30 जून 2025 तक शिक्षकों की समस्याओं के निस्तारण करने का आश्वासन दिया गया है।
शिक्षक संघ ने वित्त एवं लेखा अधिकारी का किया घेराव : जीपीएफ, अवशेष धन और एनपीएस में अनियमितताएं पर जताया आक्रोश
Jan 20, 2025 19:01
Jan 20, 2025 19:01
- GPF के लेजर 2007 से 2011 तक गायब हैं
- जीपीएफ, अवशेष धन और एनपीएस में अनियमितताएं
- जीआईएस कटौती में अनियमितता का आरोप
Aligarh news : उत्तर प्रदेशीय जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ के बैनर तले शिक्षकों ने जिला अध्यक्ष एवं राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. प्रशांत शर्मा के नेतृत्व में सोमवार को वित्त एवं लेखा अधिकारी कार्यालय का घेराव किया। इस दौरान संघ के पदाधिकारियों और शिक्षकों ने अपनी ज्वलंत समस्याओं को लेकर आक्रोश प्रकट किया और अधिकारियों से इनका शीघ्र समाधान करने की मांग की।
GPF के लेजर 2007 से 2011 तक गायब हैं
डॉ. प्रशांत शर्मा ने वार्ता के दौरान कहा कि शिक्षकों के GPF (सामान्य भविष्य निधि) के लेजर 2007 से 2011 तक गायब हैं, जिससे शिक्षकों के बीच असमंजस और भय का माहौल है। उन्होंने कहा, कि यह स्थिति शिक्षकों के मनोबल को प्रभावित कर रही है। जीपीएफ कटौती की धनराशि कहां जा रही है, इसका कोई स्पष्ट विवरण नहीं है। वर्ष 2022 में जूनियर शिक्षक संघ ने 34 लाख रुपए के घोटाले का खुलासा किया था, जो अब बढ़कर 5 करोड़ रुपए तक पहुंच गया है।
जीपीएफ, अवशेष धन और एनपीएस में अनियमितताएं
संगठन के जिला महामंत्री इंद्रजीत सिंह ने शिक्षकों के अवशेष धन के भुगतान में हो रही देरी पर सवाल उठाते हुए कहा कि कुछ शिक्षकों को उनके धन का भुगतान कर दिया गया है, जबकि अधिकांश के मामले लंबित हैं। उन्होंने बताया कि कई शिक्षक जीपीएफ से बच्चों की शादी और घर निर्माण के लिए ऋण ले चुके हैं, लेकिन उनके आवेदनों को या तो खारिज कर दिया गया या भुगतान में अनावश्यक देरी की गई। महामंत्री ने यह भी बताया कि 31 मार्च 2025 को सेवानिवृत्त होने वाले शिक्षकों और कर्मचारियों के जीपीएफ और पेंशन के मामलों में अब तक कोई प्रगति नहीं हुई है। इससे शिक्षकों में चिंता बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि शिक्षकों की एनपीएस कटौती का विवरण ऑनलाइन अपडेट नहीं हो रहा है, जो कि अनिवार्य होना चाहिए ।
जीआईएस कटौती में अनियमितता का आरोप
शिक्षक संघ ने जीवन बीमा निगम (LIC) द्वारा 2014 में बंद किए गए समूह बीमा योजना (GIC) के बावजूद निरंतर की जा रही कटौती पर भी सवाल उठाया । संघ के पदाधिकारियों ने कहा कि जीआईएस की यह कटौती 87 रुपए प्रति माह की जा रही है, लेकिन इसका कोई लेखा-जोखा उपलब्ध नहीं है। उन्होंने इसे संभावित घोटाले की आशंका बताते हुए इसकी जांच की मांग की। वित्त एवं लेखा अधिकारी ने शिक्षकों की समस्याओं को स्वीकार करते हुए कहा कि कर्मचारी संख्या की कमी के कारण कार्यों में देरी हो रही है। उन्होंने सभी लंबित जीपीएफ लेजर और अन्य समस्याओं को 30 जून 2025 तक निस्तारित करने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि संगठन के सहयोग से समस्याओं के समाधान की योजना तैयार की जाएगी।
आंदोलन की चेतावनी
शिक्षक संघ के पदाधिकारियों ने चेतावनी दी कि यदि 30 जून तक उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो वे आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे। इस स्थिति में पूरी जिम्मेदारी प्रशासनिक अधिकारियों की होगी। घेराव के दौरान संघ के जिला कोषाध्यक्ष विश्वनाथ, लोधा अध्यक्ष महेश चंद्र राजपूत, रविंद्र कुमार कश्यप, विमल कुमार चौहान, रूम सिंह वर्मा, शशि रानी, दयाल शर्मा, देववती, शिवानी, जयंती, राजवीर सिंह, अनुज कुमार सिंह, होडिल सिंह, कुलदीप शर्मा, सफीउल्लाह, मोहम्मद जाहिद, अमित कुमार, सुनील कुमार वार्ष्णेय, सतेंद्र कुमार, सईद त्यागी, सुनील वर्मा, दिनेश शर्मा, साहब सिंह और नरेंद्र पाल सिंह चक्रवर्ती सहित कई शिक्षक और पदाधिकारी उपस्थित रहे।
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