Agra News : नगर निगम ने बनाया इको फ्रेंडली शवदाह गृह, जीवंत रहेंगी परंपराएं, नहीं होगा प्रदूषण...

UPT | नगर निगम ने बनाया इको फ्रेंडली शवदाह गृह।

Sep 06, 2024 23:57

मोहब्बत के शहर में एक नया इतिहास लिखा जा रहा है। यह इतिहास रचने का काम नगर निगम ने किया है। आगरा नगर निगम ने एक नई पहल करने के साथ साथ भारतीय परंपराओं का भी समावेश करने का प्रयास किया है। जिले का...

Agra News : मोहब्बत के शहर में एक नया इतिहास लिखा जा रहा है। यह इतिहास रचने का काम नगर निगम ने किया है। आगरा नगर निगम ने एक नई पहल करने के साथ साथ भारतीय परंपराओं का भी समावेश करने का प्रयास किया है। जिले का पहला अत्याधुनिक शवदाह गृह का निर्माण किया गया है। यह अत्याधुनिक शवदाह गृह सऊदी नगर में बनाया गया है। यह शत प्रतिशत इको फ्रेंडली है। शुक्रवार को इस शवदाह गृह का शुभारंभ महापौर हेमलता दिवाकर और नगर निगम के अधिकारियों ने संयुक्त रूप से किया। 

गो कास्ट से होगा शवों का अंतिम संस्कार
आगरा नगर निगम ने ग्रीन रिवॉल्यूशन फाउंडेशन के साथ मिलकर इस अत्याधुनिक और पुरानी परंपराओं से लैस शवदाह गृह की शुरुआत की है। इसकी खास बात यह है कि यहां पर लाए जाने वाले शवों का अंतिम संस्कार पूरी तरह से प्राकृतिक तरीके से होगा। शवों का अंतिम संस्कार गो कास्ट से किया जाएगा, यानी गाय के गोबर से बनी लकड़ियों से उनका अंतिम संस्कार होगा। 

पेड़ों का कटान रुकेगा 
आगरा महापौर हेमलता दिवाकर का कहना है कि जब वह यहां पर पहली बार इस क्षेत्र में आईं थीं तो यहां के लोगों ने एक शवदाह गृह की मांग की थी। लेकिन, लोगों की शर्त थी कि यह घनी आबादी क्षेत्र है, शवदाह गृह का निर्माण इस तकनीक से हो कि यहां पर पॉल्यूशन न हो। इसी को ध्यान में रखते हुए ग्रीन रिवॉल्यूशन फाउंडेशन संस्था के सहयोग से ऐसे शवदाह गृह का निर्माण कराया गया है, जहां पर सिर्फ गो कास्ट से ही शवों का अंतिम संस्कार होगा। इस पहल से एक तरफ जहां पेड़ों का कटान रुकेगा, वहीं विद्युत की खपत भी कम होगी। 

कई शहरों में चल रहा प्रोजेक्ट
ग्रीन रिवॉल्यूशन फाउंडेशन के पदाधिकारी ने बताया कि इस तरह के प्रोजेक्ट कई शहरों और राज्यों में चल रहे हैं। उनका मुख्य उद्देश्य यही है कि पेड़ों का कटान रोका जाए। पर्यावरण को दूषित होने से बचाया जाए और विद्युत की खपत को भी कम किया जाए। शवों के अंतिम संस्कार भी प्राकृतिक तरीके से हों, क्योंकि अंतिम संस्कार में अधिकतर लोग उपलों का इस्तेमाल करते हैं, जो गाय के गोबर से बनते हैं। इसीलिए यहां पर गोबर से बनी हुईं लकड़ियों का उपयोग किया जाएगा।

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