प्रशासन की कार्रवाई : 62 साल बाद ग्रामीणों को मिला श्मशान तक जाने का रास्ता, हटाया गया अवैध कब्जा

UPT | 62 साल बाद ग्रामीणों को मिला श्मशान तक जाने का रास्ता

Oct 27, 2024 12:50

आगरा के सदर तहसील के ग्राम मनकेड़ा में 1962 से विवादित लगभग एक किलोमीटर लंबे चकमार्ग को कब्जामुक्त कर ग्रामीणों के लिए श्मशान तक पहुंचने का रास्ता साफ किया गया...

Agra News : आगरा के सदर तहसील के ग्राम मनकेड़ा में 1962 से विवादित लगभग एक किलोमीटर लंबे चकमार्ग को कब्जामुक्त कर ग्रामीणों के लिए श्मशान तक पहुंचने का रास्ता साफ किया गया। 62 वर्षों से विवादित इस मार्ग पर कब्जा होने के कारण गांव के लोगों को श्मशान जाने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। एसडीएम सदर सचिन राजपूत के नेतृत्व में इस मार्ग को कब्जामुक्त कर प्रशासन ने राहत पहुंचाई है।

वर्षों पुराना विवाद और प्रशासनिक कार्रवाई
इस मार्ग पर एक किसान ने कोर्ट से स्थगनादेश प्राप्त कर लिया था, जिसके चलते कई बार अधिकारी पहुंचने के बावजूद बिना कार्रवाई किए लौट जाते थे। एसडीएम सदर सचिन राजपूत ने तहसीलदार अविचल प्रताप सिंह, बीडीओ वीरेंद्र कुमार और लेखपालों की टीम के साथ ग्राम मनकेड़ा में विशेष कैंप लगाया। राजस्व, ब्लॉक और पुलिस विभाग के सहयोग से इस टीम ने चकमार्ग को कब्जामुक्त किया और तत्काल मिट्टी डालने का कार्य शुरू कराया।



अन्य विवादित चकमार्गों को भी कराया कब्जा मुक्त

ग्राम लालौ में उपजिलाधिकारी सचिन राजपूत की उपस्थिति में विवादित चकमार्ग 917 का सीमांकन कर उसे कब्जामुक्त कराया गया और मिट्टी डालकर पटाई का कार्य तुरंत शुरू हुआ। इसी तरह गढ़ी देवरी में 10 वर्षों से विवादित गाटा संख्या 403 और 195 पर नायब तहसीलदार रजनीश रंधावा की अगुवाई में कब्जा हटाया गया। इसके अलावा ग्राम जगनपुर मुश्तकिल में नायब तहसीलदार सुधीर गिरी ने सीलिंग भूमि को एडीए के बोर्ड लगवाकर कब्जामुक्त कराया और बाईपुर मुश्तकिल में भी विवादित चकमार्ग गाटा संख्या 1003 को कब्जा मुक्त कर मिट्टी पटाई का कार्य शुरू किया गया।

जिलाधिकारी के आदेश और अभियान की सफलता
जिलाधिकारी अरविंद मल्लपा बंगारी के निर्देश पर शासकीय भूमि विवादों के निपटारे के अभियान में एसडीएम सदर सचिन राजपूत का यह प्रयास सफल रहा है। उनका कहना है कि पुराने भूमि विवादों का समाधान और शासकीय भूमियों को कब्जामुक्त कराना प्रशासन की प्राथमिकता में है। मनकेड़ा जैसे 62 साल पुराने विवाद का समाधान प्रशासनिक टीम के प्रयासों से सफलतापूर्वक किया गया है और यह अभियान निरंतर जारी रहेगा।

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