आगरा में भ्रष्टाचार पर वार : पुष्टाहार कालाबाजारी में जिला कार्यक्रम अधिकारी सस्पेंड, कई रडार पर...

UPT | पुष्टाहार कालाबाजारी मामले में जिला कार्यक्रम अधिकारी सस्पेंड।

Oct 05, 2024 10:30

पुष्टाहार की कालाबाजारी के मामले में आखिरकार जिला कार्यक्रम अधिकारी आदीश मिश्रा को शासन ने निलंबित कर ही दिया। निलंबन के बाद उन्हें मुख्यालय से संबद्ध किया गया है। यही नहीं, उनकी जांच मुख्य विकास अधिकारी...

Agra News : पुष्टाहार की कालाबाजारी के मामले में आखिरकार जिला कार्यक्रम अधिकारी आदीश मिश्रा को शासन ने निलंबित कर ही दिया। निलंबन के बाद उन्हें मुख्यालय से संबद्ध किया गया है। यही नहीं, उनकी जांच मुख्य विकास अधिकारी को सौंपी गई है। उत्तर प्रदेश टाइम्स ने पहले ही आशंका व्यक्त की थी कि एक से दो दिन में शासन जिला कार्यक्रम अधिकारी को निलंबित कर सकता है, और यह आशंका सही साबित हुई। 

ये तो होना ही था...
ताजनगरी में पुष्टाहार की कालाबाजारी के मामले में आगरा से लेकर लखनऊ तक हड़कंप मचा हुआ है। अब इस पूरे प्रकरण को सीधे मुख्यमंत्री देख रहे हैं। बताते चलें कि इसी हफ्ते नाई की मंडी डेरा सरस निवासी प्रवीन अग्रवाल के यहां अवैध गोदाम से छापेमारी के दौरान बड़ी मात्रा में गर्भवती महिलाओं एवं कुपोषित बच्चों को दिए जाने वाला पुष्टाहार बरामद हुआ था। इस मामले में अवैध गोदाम के संचालक और दो आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को भी गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। इस पूरे प्रकरण में डीएम ने कई मजिस्ट्रेट को जांच के लिए लगाया था। जांच रिपोर्ट में जिला कार्यक्रम अधिकारी की भूमिका संदिग्ध मानी गई थी। 

डीएम ने की थी कार्रवाई की संस्तुति
उधर, पुष्टाहार की कालाबाजारी मामले में जेल भेजी गई आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से पूछताछ में सामने आया कि विभागीय अधिकारी भी इस पूरे प्रकरण में शामिल हैं। जिलाधिकारी को दी गई जांच रिपोर्ट के आधार पर जिलाधिकारी ने उनके खिलाफ शासन को विभागीय कार्रवाई के लिए संस्तुति की थी। डीएम की संस्तुति के बाद ही शुक्रवार को जिला कार्यक्रम अधिकारी आदीश मिश्रा पर निलंबन की गाज गिर गई। मजिस्ट्रेट द्वारा जांच में सामने आया है कि जिला कार्यक्रम अधिकारी भ्रष्टाचार में लिप्त रहते हुए सरकारी धन का दुरुपयोग कर रहे थे। यही नहीं, शासन द्वारा जारी निर्देशों का पालन नहीं किया जा रहा था। जांच में सामने आया है कि जिला कार्यक्रम अधिकारी को पुष्टाहार की कालाबाजारी के संबंध में पूरी जानकारी थी, लेकिन उन्होंने इसकी रोकथाम के लिए कोई कदम नहीं उठाए। 

कोई आरोपी बच न सके
यहां बताना आवश्यक है कि जिला कार्यक्रम अधिकारी के निलंबन से पहले बाल विकास अधिकारी विमल चौबे को शासन द्वारा सस्पेंड किया जा चुका है। इसके साथ ही 15 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं बर्खास्त की जा चुकी हैं। अभी इस पूरे मामले में पुलिस के निर्देशन में जांच की जा रही है। पुलिस अब पुष्टाहार की कालाबाजारी की तह तक पहुंच रही है। मुख्यमंत्री के वीडियो कांफ्रेंस पर निर्देश मिलने के बाद पुलिस आयुक्त की जे. रविंद्र गौड़ ने अपने अधीनस्थों को निर्देश दिए हैं कि किसी भी सूरत में इस कालाबाजारी के मामले में कोई भी आरोपी बचना नहीं चाहिए। 

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