Mathura News : वृन्दावन के संयुक्त चिकित्सालय में फायर सिस्टम जीरो, दो साल में भी पूरा नहीं हुआ काम

UPT | वृन्दावन के संयुक्त चिकित्सालय में फायर सिस्टम जीरो।

Nov 16, 2024 15:30

झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में शुक्रवार रात को हुए भीषण अग्निकांड में 10 नवजात शिशुओं की मौत के बाद पूरे प्रदेश में हड़कंप मचा हुआ है। लेक़िन, सरकारी अस्पतालों के हाल बेहाल हैं। वृंदावन के जिला संयुक्त चिकित्सालय...

Mathura News : झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में शुक्रवार रात को हुए भीषण अग्निकांड में 10 नवजात शिशुओं की मौत के बाद पूरे प्रदेश में हड़कंप मचा हुआ है। लेक़िन, सरकारी अस्पतालों के हाल बेहाल हैं। वृंदावन के जिला संयुक्त चिकित्सालय में आग पर काबू पाने के संसाधन राम भरोसे हैं।

भुगतान के बावजूद नहीं हुआ काम
बताते चलें कि वृंदावन के जिला संयुक्त चिकित्सालय का निर्माण तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती  ने 2011 में कराया था। तब से लेकर अब तक यहां पर फायर सिस्टम चालू ही नहीं हो सका है। दो साल पूर्व प्रदेश की योगी सरकार द्वारा अस्पताल में फायर सिस्टम का पुनर्निर्माण कर चालू कराने के लिए एक करोड़ 12 लाख 16 हजार रुपये का अनुदान जारी किया गया। जिसे अगस्त 2024 में अस्पताल प्रशासन द्वारा कार्यकारी संस्था उत्तर प्रदेश राज्य निर्माण निगम के खाते में ट्रांसफर कर दिया। लेकिन, पिछले दो साल में अब तक अस्पताल में फायर सिस्टम अधर में ही लटका हुआ है।

जंग खा रहा लाखों का सामान
कार्यदायी संस्था द्वारा हीलाहवाली करने के कारण अस्पताल परिसर में जगह-जगह फॉल सीलिंग खुली पड़ी है या फिर लोहे के पाइप लटके हुए हैं। यही नहीं फायर सिस्टम को लगाने के लिए लाखों रुपये की लागत से लाया गया सामान भी कबाड़ की तरह जंग खा रहा है। ऐसे में यदि कोई घटना हो जाए तो इसके लिए कौन जिम्मेदार होगा, यह एक बड़ा प्रश्न बना हुआ है। 

दो साल से चल रहा काम
इस संबंध में अस्पताल की सीएमएस डॉक्टर विनीता अग्रवाल ने बताया कि अस्पताल में फायर सिस्टम लगाने का काम करीब दो साल से चल रहा है। काम में ढिलाई को लेकर कार्यदायी संस्था को पत्र भी लिखा गया है। बताया कि अगस्त 2024 में शासन से मिला पूरा बजट भी कार्यदायी संस्था को ट्रांसफर कर दिया गया। उन्हें यह काम फरवरी 2024 तक पूरा करना था। लेकिन, अभी आधे से अधिक काम बाकी है। बताया कि अस्पताल में किसी भी आग लगने की घटना से बचाव के लिए जगह-जगह 30 फायर रेजिस्टेंट सिलेंडर लगाए गए हैं।

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