नीलामी को लेकर ठेकेदारों का हंगामा : हैदरगढ़ में सरकारी पेड़ों की नीलामी के लिए आखिरकार मिल गई नई तारीख  

UPT | बाराबंकी में प्रदर्शन करते ठेकेदार।

Nov 19, 2024 21:16

उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले के तहसील क्षेत्र हैदरगढ़ में सरकारी पेड़ों की नीलामी को लेकर ठेकेदारों में भारी हंगामा हुआ। निर्धारित समय 11 बजे के बाद भी नीलामी शुरू नहीं हुई, जिससे ठेकेदारों को कई घंटे इंतजार करना पड़ा। देर शाम तक जब कोई अधिकारी नहीं आए, तो ठेकेदारों में खलबली मच गई।

Barabanki News : उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले के तहसील क्षेत्र हैदरगढ़ में सरकारी पेड़ों की नीलामी को लेकर ठेकेदारों के बीच भारी हंगामा देखने को मिला। हैदरगढ़ के ब्लाक त्रिवेदीगंज में सरकारी ज़मीन पर लगे 60 यूकेलिप्टस पेड़ों की नीलामी होनी थी, जिसके लिए ठेकेदारों ने दिनभर इंतजार किया, लेकिन नीलामी की प्रक्रिया में देरी और भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो गई।



नीलामी के लिए लंबा इंतजार
नोटिस के मुताबिक, नीलामी का समय सुबह 11 बजे से निर्धारित था और इसकी सूचना स्थानीय व अन्य जिलों के ठेकेदारों को दी गई थी। नीलामी में भाग लेने के लिए तीन दर्जन से अधिक ठेकेदार सुबह से ही हैदरगढ़ तहसील पहुंचे थे। हालांकि, निर्धारित समय 12 बजे के बाद भी नीलामी शुरू नहीं हुई और ठेकेदारों को कई घंटे इंतजार करना पड़ा। देर शाम तक जब कोई अधिकारी नहीं पहुंचे, तो ठेकेदारों में खलबली मच गई।

नकली नीलामी की शिकायत
ठेकेदारों को इस बात की जानकारी मिली कि तहसीलदार नीलामी की प्रक्रिया को अपने चहेते ठेकेदारों को सौंपने के प्रयास में थे। यह सुनकर ठेकेदारों का गुस्सा और बढ़ गया और उन्होंने अधिकारियों की मंशा का भंडाफोड़ करने का निर्णय लिया। पत्रकारों को इस मामले की जानकारी होने पर मौके पर पहुंचकर ठेकेदारों से बातचीत की गई। ठेकेदारों ने आरोप लगाया कि नीलामी की प्रक्रिया को गलत तरीके से अंजाम दिया जा रहा था।

नई तारीख की घोषणा
जब मामला तूल पकड़ने लगा, तो ठेकेदारों को त्रिवेदीगंज की नायब तहसीलदार नमृता दुबे के पास भेजा गया। नायब तहसीलदार ने नीलामी की प्रक्रिया को खारिज कर दिया और इसे 4 दिसंबर तक स्थगित कर दिया। इसके साथ ही, ठेकेदारों को यह भरोसा दिलाया कि अब पारदर्शिता से नीलामी होगी और इसमें किसी प्रकार का कोई धांधली नहीं की जाएगी।

नीलामी के आयोजन में मौजूद ठेकेदार
नीलामी के आयोजन में कई ठेकेदार उपस्थित थे, जिनमें विक्की बाजपेई, राम केवल, सफीक, रामदेव सिंह, गुड्डू, शान मोहम्मद, ब्रह्मा नंद, खालिक, राजकुमार, मुन्ना, मंशाराम, शेर खां, राम सुमिरन, राम लाल, राम कैलाश, गया प्रसाद और अजमत्तुल्ला समेत तीन दर्जन से अधिक ठेकेदार शामिल थे। इन ठेकेदारों ने नीलामी प्रक्रिया में पारदर्शिता की मांग की है और आरोप लगाया कि यह पूरी घटना प्रशासन की लापरवाही और घोर अनियमितताओं को उजागर करती है। 

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