प्रधानमंत्री आवास योजना : 90 दिन की मजदूरी का पैसा अटका, ऐप में फीडिंग के दौरान हुई गलती से लाभार्थी को हो रही परेशानी

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Nov 19, 2024 16:36

विकास खंड देवा क्षेत्र में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लाभार्थी को मजदूरी का भुगतान नहीं मिलने का मामला सामने आया है। डेढ़ साल पहले आवास का निर्माण पूरा होने के बावजूद लाभार्थी परेशान है।

Barabanki News : विकास खंड देवा क्षेत्र में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लाभार्थी को मजदूरी का भुगतान नहीं मिलने का मामला सामने आया है। डेढ़ साल पहले आवास का निर्माण पूरा होने के बावजूद मनरेगा के तहत 90 दिन की मजदूरी अब तक लाभार्थी को नहीं मिल सकी है। इसका कारण योजना की फीडिंग में हुई गड़बड़ी को बताया जा रहा है।



ये है पूरा मामला 
ग्राम पंचायत कोटवाकला निवासी कोमल तिवारी ने समाधान दिवस में शिकायत की कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास आवंटित किया गया था। आवास का निर्माण कार्य डेढ़ साल पहले पूरा हो चुका है, लेकिन मनरेगा योजना के तहत मिलने वाली मजदूरी का भुगतान अब तक नहीं हुआ। 

फीडिंग में गड़बड़ी का खुलासा
लाभार्थी कोमल तिवारी ने बताया कि जब उन्होंने विकास खंड कार्यालय जाकर जानकारी प्राप्त की, तो पता चला कि आवास योजना ऐप में फीडिंग के दौरान "यूपी 48" के स्थान पर "यूपी 40" दर्ज कर दिया गया था। इस तकनीकी गड़बड़ी के चलते उनकी आवास आईडी प्रदर्शित नहीं हुई और उन्हें मजदूरी का पैसा नहीं मिल पाया।

शिकायत के बावजूद समाधान नहीं
लाभार्थी ने इस समस्या को लेकर ब्लॉक स्तर से लेकर मनरेगा लोकपाल तक शिकायत की, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला। इसके बाद उन्होंने समाधान दिवस पर खंड विकास अधिकारी (बीडीओ) डॉक्टर नेहा शर्मा को शिकायती पत्र दिया।

कार्रवाई का आश्वासन
खंड विकास अधिकारी डॉक्टर नेहा शर्मा ने बताया कि मामला सामने आने के बाद तत्कालीन सचिव प्रगति कुमार श्रीवास्तव को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है। बीडीओ ने यह भी कहा कि जल्द ही मनरेगा योजना के तहत मजदूरी का भुगतान किया जाएगा।

लापरवाही पर उठे सवाल
यह मामला सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में लापरवाही और तकनीकी गड़बड़ी की ओर इशारा करता है। सचिव की फीडिंग में हुई गलती से मजदूर को उसकी मेहनत की मजदूरी मिलने में देरी हुई, जो प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है।

आशा की किरण
खंड विकास अधिकारी द्वारा दिए गए आश्वासन के बाद लाभार्थी कोमल तिवारी को उम्मीद है कि जल्द ही उन्हें उनकी मजदूरी का पैसा मिलेगा। ग्रामीणों ने इस प्रकार की समस्याओं के शीघ्र समाधान की मांग की है। 

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