अम्बेडकरनगर जिला अस्पताल में अग्निशामक व्यवस्था में खामी : प्रबंधन झांसी की दुर्घटना से नहीं ले रहा सबक

UPT | अम्बेडकरनगर जिला अस्पताल में अग्निशामक व्यवस्था में खामी

Nov 17, 2024 13:26

अम्बेडकरनगर के महात्मा ज्योतिबा फुले जिला अस्पताल में आग बुझाने के लिए उपलब्ध अग्निशामक यंत्रों की स्थिति बेहद खराब है। पानी की आपूर्ति के लिए बनाए गए प्वाइंट बाक्स खराब पड़े हैं...

Ambedkarnagar News : अम्बेडकरनगर के महात्मा ज्योतिबा फुले जिला अस्पताल में आग बुझाने के लिए उपलब्ध अग्निशामक यंत्रों की स्थिति बेहद खराब है। पानी की आपूर्ति के लिए बनाए गए प्वाइंट बाक्स खराब पड़े हैं। ऐसे में अस्पताल में आग लगने की स्थिति में इसे काबू में पाना मुश्किल होगा।  यह स्थिति मरीजों और उनके तीमारदारों के लिए बेहद चिंताजनकर है। अस्पताल प्रबंधन हाली में हुई झांसी की घटना से भी सबक नहीं ले रहा है।  

मरीज और तीमारदार के लिए हालात चिंताजनिक
हाल ही में झांसी के राजकीय मेडिकल कॉलेज में आग लगने से हुई दुर्घटना हो गई। जिसमें 10 मासूमों की जान चली गई। यदि आग बुझाने की उचित व्यवस्था होती तो यह हादसा टाला जा सकता था। और कई जिंदगियां बचाई जा सकती थीं। अब यही खतरा अम्बेडकरनगर के महात्मा ज्योतिबा फुले जिला अस्पताल में भी मंडरा रहा है। यहां 100 बेड की क्षमता के मुकाबले रोजाना 170 से 200 मरीज भर्ती रहते हैं, साथ ही बड़ी संख्या में तीमारदार भी होते हैं। इसके अलावा ओपीडी में हजारों मरीजों की भीड़ रहती है। ऐसी स्थिति में आग बुझाने की कोई उचित व्यवस्था न होने से यह अस्पताल गंभीर संकट में पड़ सकता है।

अग्निशामक यंत्र हुए बेकार
अस्पताल में लाखों रुपये खर्च कर अग्निशामक यंत्र स्थापित किए गए थे, लेकिन उनकी देखरेख और मरम्मत की कमी के कारण ये अब बेकार हो गए हैं। कई वार्डों में तो केवल एक या दो अग्निशामक सिलेंडर ही बचे हैं। इसके साथ ही अस्पताल परिसर में स्थापित जल प्वाइंट बाक्स की स्थिति भी दयनीय है। अधिकांश पाइप्स क्षतिग्रस्त हो चुके हैं और कई शीशे तोड़े जाने के कारण उपयोग के लायक नहीं रहे हैं।



जून में लिया था व्यवस्थाओं का जायजा

आठ जून 2024 को अस्पताल में आग सुरक्षा का ऑडिट करने आई टीम आई थी। इस दौरान टीम को होज बॉक्स से होज पाइप और ब्रांच पाइप गायब मिले। जलापूर्ति के लिए वेट राइजर में कोई व्यवस्था नहीं थी, और मैनुअल अलार्म सिस्टम भी काम नहीं कर रहा था। आलम यह है कि निकास चिह्नों को दीवारों पर अंकित तक नहीं किया गया है। ऑडिट टीम की जांच हुए अब लगभग छह महीने हो चुके हैं, लेकिन यहां हालात अभी भी वहीं हैं। 

यह बोले सीएमएस
इस स्थिति पर सीएमएस डॉ. ओम प्रकाश ने बताया कि अस्पताल में आधुनिक फायर सिस्टम स्थापित करने का निर्णय लिया गया है और इसके लिए निदेशालय को पत्र भेजा गया है। हालांकि, जब तक यह व्यवस्था पूरी नहीं होती, तब तक अस्पताल में आग से बचाव की कोई ठोस योजना नहीं दिखाई देती। अगर प्रबंधन इसी तरह लापरवाह बना रहा तो मरीजों और उनके परिवारों के लिए यह स्थिति गंभीर संकट का कारण बन सकती है।

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