आवास एवं विकास परिषद की माझा के गांवों में चलाई जा रही प्रथम योजना एवं पूरक योजना का अधिग्रहण पूरी तरह से अवैधानिक, अनैतिक और अलोकतांत्रिक है...
Nov 22, 2024 00:25
आवास एवं विकास परिषद की माझा के गांवों में चलाई जा रही प्रथम योजना एवं पूरक योजना का अधिग्रहण पूरी तरह से अवैधानिक, अनैतिक और अलोकतांत्रिक है...
Ayodhya News : अयोध्या में गुरुवार दोपहर प्रभावित गांवों के लोगों के साथ प्रेसवार्ता कर रहे सपा सांसद अवधेश प्रसाद ने कहा कि 2020 से शुरू हुए इस अनैतिक अधिग्रहण में कईयों की पूरी जमीन ही समाप्त हो रही है। इन सब का जीविकोपार्जन पूरी तरह से समाप्त हो जाएगा। जीविकोपार्जन छीनना यानी जीने के अधिकार को छीन रहे हैं जो की संविधान के धारा 21 में दिए गए मौलिक अधिकार का उल्लंघन है।
पूंजी जोड़कर अपना घर बनाने को खरीदे छोटे-छोटे प्लॉट
सांसद अवधेश प्रसाद ने बताया कि कई लोग जिन्होंने अपनी जीवनभर की मेहनत से छोटे-छोटे प्लॉट खरीदकर अपने घर बनाए थे, अब उनका घर छीन लिया जा रहा है। ये लोग अपनी पूंजी से घर बनाने का सपना देखते थे, और अब उनका यह सपना टूट रहा है। उन्होंने कहा कि जबरन भूमि का अधिग्रहण कर उसे दूसरों को बांटना पूरी तरह से अन्यायपूर्ण है। सांसद ने भगवान राम के वाक्य "अतिशय प्रिय मोहि" का जिक्र करते हुए कहा कि राम ने इस क्षेत्र को अत्यधिक प्रिय बताया था, लेकिन अब आवास विकास की योजनाएं यहां के निवासियों को उजाड़ने की दिशा में काम कर रही हैं। सांसद ने यह भी बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बने श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने 2021 से अब तक अयोध्या में कई जमीनें खरीदी हैं, और यह सारी जमीनें सर्किल रेट से कई गुने अधिक दामों पर खरीदी गई हैं। उदाहरण के तौर पर, शाहनेवाजपुर मांझा में नवंबर 2023 में ट्रस्ट ने 47,63,500 प्रति बिस्वा की दर से जमीन खरीदी, जो सर्किल रेट से 22 गुना ज्यादा है। यह स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि यहां की जमीन की असली कीमत सर्किल रेट से कहीं अधिक है।
महंगे दामों पर उद्योगपतियों दे रहे जमीन
सांसद का आरोप है कि आवास विकास परिषद ने वर्ष 2020 के अपने अर्जन योजना के सापेक्ष किसानों की जमीनें औने-पौने दामों पर लेकर महंगे दामों पर उद्योगपतियों को बेच दी। होटल्स के प्लॉट काट कर 88 हजार रुपये स्क्वायर मीटर के बेस रेट पर ऑक्शन किया जो 1.45 लाख रुपये स्क्वायर मीटर पर बिका। यानी आवास विकास ने इसी अधिग्रहीत भूमि को प्रति बिस्वा 1.81 करोड़ के मूल्य पर बेचा है। जो घोर अनैतिक है जबकि किसानों को उस भूमि के बदले मात्र 6.05 लाख प्रति बिस्वा का मूल्य ही चुकाया गया है। क्षेत्र में लोढ़ा कंपनी इससे भी ज्यादा मूल्य पर जमीनो को बेच रही है। सांसद का कहना है कि आवास विकास परिषद का उद्देश्य प्राइवेट बिल्डर्स की तरह अकूत लाभ कमाना नहीं है बल्कि वो नो प्रॉफिट नो लॉस पर काम करता है। परन्तु उसके उलट यहां पर आवास विकास पूरी तरह से घनघोर लाभ कमाने में लगा है, जो की न तो नैतिक है और न ही वैधानिक।
सभी गाटों की आपत्ति दर्ज की
सपा के पूर्व मंत्री तेजनारायण पाण्डेय पवन ने इस योजना को पूरी तरह से अलोकतांत्रिक बताया और कहा कि यह जनभावना के खिलाफ है। उन्होंने बताया कि पूरक प्रथम योजना के तहत 785 गाटों के अर्जन के लिए 695 लोगों ने आपत्ति जताई है, जिनमें से कुछ लोगों ने एक ही आपत्ति में अपने सभी गाटों की आपत्ति दर्ज की है। पवन ने कहा कि 785 में से 90 गाटे सड़क और रास्तों के नाम पर हैं, जिसका मतलब है कि लगभग 100 प्रतिशत आपत्तियों का विरोध हो रहा है। इसके बावजूद आवास विकास परिषद इस योजना को लागू करने पर अड़ी हुई है, जो पूरी तरह से अलोकतांत्रिक और अनैतिक है।
उन्होंने कहा कि संसद द्वारा पारित भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 2013 के नियमों का पालन किसी भी अधिग्रहण के लिए जरूरी है, जबकि आवास विकास सभी स्थापित कानून की धज्जियां उड़ाते हुए मनमानी ढंग से अधिग्रहण करने पर आमादा है। उन्होंने कानून का हवाला देते हुए बताया कि सोशल इंपैक्ट असेसमेंट, भूमि अर्जन के गजट के पूर्व करना अनिवार्य है और इसकी रिपोर्ट गजट के साथ प्रकाशित करना भी अनिवार्य है।
प्राइवेट होटल के लिए जमीन का अधिग्रहण अवैध
सपा के पूर्व मंत्री तेजनारायण पाण्डेय पवन ने कहा कि प्राइवेट होटल के लिए जमीन का अधिग्रहण अवैध है, क्योंकि यह सरकार की नीति के खिलाफ है। उन्होंने आरोप लगाया कि होटल व्यवसायियों को सस्ते दामों पर किसानों से भूमि छीनकर बेची जा रही है। पवन ने बताया कि भूमि अधिग्रहण के लिए 70 प्रतिशत लोगों की सहमति अनिवार्य है, लेकिन इस योजना में कोई सहमति नहीं ली गई। इसके अलावा, इस क्षेत्र में पहले ही 1407 एकड़ भूमि अधिग्रहित की जा चुकी है, जिसमें से 653 एकड़ को अगले 3 साल में विकसित किया जाएगा, जबकि बाकी 754 एकड़ का अभी कोई योजना नहीं है। उन्होंने कहा कि पहले से अधिग्रहित भूमि पर कोई विकास नहीं हुआ है, ऐसे में नई भूमि का अधिग्रहण करना अवैध और अनुचित है।