पांच साल तक सड़कों के रखरखाव की जिम्मेदारी का मामला : फैसले के विरोध में ठेकेदारों का प्रदर्शन, निर्णय वापस लेने की मांग

UPT | अयोध्या में प्रदर्शन करते ठेकेदार।

Sep 08, 2024 00:42

अयोध्या में लोक निर्माण विभाग की ओर से ठेकेदारों पर 5 साल तक सड़कों के रखरखाव की जिम्मेदारी सौंपने के फैसले का विरोध तेज हो गया है। अयोध्या कॉन्ट्रैक्टर एसोसिएशन के बैनर तले ठेकेदारों ने प्रदर्शन कर इस फैसले को वापस लेने की मांग की है।

Ayodhya News : अयोध्या में लोक निर्माण विभाग (PWD) की ओर से ठेकेदारों पर 5 साल तक सड़कों के रखरखाव की जिम्मेदारी सौंपने के फैसले का विरोध तेज हो गया है। अयोध्या कॉन्ट्रैक्टर एसोसिएशन के बैनर तले ठेकेदारों ने प्रदर्शन कर इस फैसले को वापस लेने की मांग की है। ठेकेदारों का कहना है कि सड़कों की वर्तमान स्थिति और ओवरलोड वाहनों के कारण सड़कों की हालत तेजी से खराब हो रही है, ऐसे में 5 साल तक उनके रखरखाव की जिम्मेदारी लेना मुश्किल हो रहा है।

कमजोर सड़कों और ओवरलोड वाहनों से बढ़ी परेशानी
अयोध्या कॉन्ट्रैक्टर एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष रणविजय सिंह ने कहा कि सड़कों की बुनियादी संरचना कमजोर हो चुकी है। जिन सड़कों पर नवीनीकरण का काम होना है, उनका बेस काफी हद तक खराब हो गया है। ऊपर से भारी ओवरलोड वाहन उन पर लगातार चल रहे हैं, जिससे सड़कों की हालत तेजी से बिगड़ रही है। इस स्थिति में ठेकेदारों के लिए 5 साल तक सड़कों का रखरखाव करना न केवल चुनौतीपूर्ण, बल्कि असंभव है।

जल जीवन मिशन और सिंचाई के कार्यों से हो रही सड़कों की क्षति
रणविजय सिंह ने जल जीवन मिशन के तहत किए जा रहे कार्यों का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं के चलते सड़कों के दोनों किनारों को काटा जा रहा है, जिससे वे क्षतिग्रस्त हो रही हैं। वहीं, ग्रामीण क्षेत्रों में सिंचाई के लिए भी कई बार सड़कों को काट दिया जाता है, जिससे मार्गों की हालत और भी खराब हो जाती है। इन सभी कारणों से सड़कों का रखरखाव मुश्किल हो गया है।

मार्गों की भार क्षमता पर सवाल
ठेकेदारों का यह भी कहना है कि वर्तमान में सड़कों की भार क्षमता 45 टन तक बढ़ा दी गई है, लेकिन पुरानी संरचनाएं इतनी भारी लोड सहने के योग्य नहीं हैं। ओवरलोड वाहनों के चलते सड़कों पर दरारें आ रही हैं और वे धंस रही हैं। ऐसे में 5 साल तक रखरखाव की शर्त को ठेकेदारों पर थोपना अनुचित है।

ठेकेदारों की मांग
ठेकेदारों ने मांग की है कि पुराने नियमों को बहाल किया जाए, जिसमें 5 साल की जिम्मेदारी नहीं होती थी। अगर उनकी मांगें पूरी नहीं की जाती हैं, तो वे निविदाओं का बहिष्कार करेंगे। उनका कहना है कि पहले सड़कों की भार क्षमता को सुधारना और ओवरलोड वाहनों पर नियंत्रण करना चाहिए, इसके बाद ही ठेकेदारों पर रखरखाव की जिम्मेदारी डालनी चाहिए। 

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