पति से फोन पर झगड़ा होने के बाद महिला ने फांसी लगाकर की आत्महत्या : क्षेत्राधिकारी व थानाध्यक्ष फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे

UPT | सांकेतिक फोटो।

Dec 28, 2024 18:17

पति से फोन पर कहासुनी के बाद विवाहिता ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। सूचना मिलने पर पुलिस ने शव को कब्जे में लिया और पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेज दिया। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

Ballia News : बलिया जिले के दोकटी थाना क्षेत्र के शिवपुर पंचायत में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है,जहां पति से फोन पर हुई कहासुनी के बाद 24 वर्षीय विवाहिता गीता देवी ने फांसी लगाकर अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली। इस घटना के बाद परिवार में मातम का माहौल है। 



पति झारखंड में करता है काम  
बताया जा रहा है कि गीता देवी का पति गौतम गोंड झारखंड में काम करता है। शुक्रवार रात गीता और गौतम के बीच फोन पर किसी बात को लेकर कहासुनी हुई थी। इस विवाद के बाद गीता देवी ने कमरे में जाकर फांसी लगा ली। इससे पहले परिवार के किसी सदस्य ने उसकी स्थिति पर ध्यान नहीं दिया। 

पुलिस की कार्रवाई 
घटना की सूचना मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेज दिया। क्षेत्राधिकारी बैरिया मो. उस्मान और थानाध्यक्ष दोकटी वंश बहादुर सिंह पुलिस बल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे और जांच शुरू कर दी। 

गीता देवी का परिवार और हालात
गीता देवी के पति झारखंड में काम करते थे, जबकि गीता अपने बच्चों के साथ घर पर रहती थी। गीता देवी अपने पीछे एक पुत्री और एक पुत्र को छोड़ गई है, जिनकी उम्र काफी छोटी है। यह घटना उनके परिवार के लिए एक बड़ा आघात साबित हुई है। 

पुलिस जांच में जुटी 
पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और आत्महत्या के कारणों की जांच शुरू कर दी है। हालांकि, प्रारंभिक जांच में फोन पर कहासुनी के बाद गीता देवी द्वारा आत्महत्या करने की जानकारी मिल रही है, लेकिन पुलिस अन्य पहलुओं की भी जांच कर रही है।

आत्महत्या की बढ़ती घटनाएं 
यह घटना समाज में मानसिक तनाव और पारिवारिक विवादों के कारण बढ़ती आत्महत्या की घटनाओं का एक उदाहरण है। विशेषज्ञों के अनुसार, इस तरह की घटनाओं की रोकथाम के लिए मानसिक स्वास्थ्य और पारिवारिक संबंधों पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है।

समाज में संवेदनशीलता की आवश्यकता 
इस तरह की घटनाओं से निपटने के लिए समाज को अधिक संवेदनशील और जागरूक बनाने की जरूरत है। परिवारों में आपसी समझ और सहयोग को बढ़ावा देना, मानसिक तनाव से जूझ रहे व्यक्तियों की मदद करना और परामर्श सेवाएं प्रदान करना आत्महत्या की घटनाओं को रोकने में मददगार साबित हो सकता है। 

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