महिला डॉक्टर को किया डिजिटल अरेस्ट : बरेली के मेडिकल कॉलेज की कैंसर स्पेशलिस्ट से ठगी की कोशिश, महाराष्ट्र सरकार के पूर्व मंत्री से जोड़ा नाम

UPT | डॉ. चीना गर्ग।

May 29, 2024 00:52

बरेली के एक निजी मेडिकल कॉलेज की कैंसर स्पेशलिस्ट महिला डॉक्टर को साइबर ठगों ने ईडी अफसर बनकर डिजिटल अरेस्ट कर लिया। उनको वसूली करने की कोशिश में फोन पर धमकाया। इसके साथ ही महाराष्ट्र सरकार के एक पूर्व मंत्री के मनी लांड्रिंग मामले में नाम जोड़ रहे थे।

Bareilly News : उत्तर प्रदेश के बरेली के एक निजी मेडिकल कॉलेज की कैंसर स्पेशलिस्ट महिला डॉक्टर को साइबर ठगों ने ईडी अफसर बनकर डिजिटल अरेस्ट कर लिया। उनको वसूली करने की कोशिश में फोन पर धमकाया। इसके साथ ही महाराष्ट्र सरकार के एक पूर्व मंत्री के मनी लांड्रिंग मामले में नाम जोड़ रहे थे। आरोपी पुलिस की वर्दी पहने थे। मगर, महिला डॉक्टर ने कुछ घंटों बाद फोन काट दिया। इसके बाद पुलिस अफसरों से शिकायत की। पुलिस अफसरों ने साइबर सेल से जांच कराने के निर्देश दिए हैं।

ईडी की जांच में फंसाने की धमकी
शहर के कोतवाली थाना क्षेत्र के रामपुर गार्डन निवासी डॉ. चीना गर्ग एक मेडिकल कॉलेज में कैंसर स्पेशलिस्ट हैं। उनको एक नंबर से अचानक मोबाइल पर कॉल आई। कॉल करने वाले ने कहा कि वह आलमबाग पुलिस स्टेशन का ऑफिसर है। महाराष्ट्र सरकार के पूर्व मंत्री नवाब मलिक नाम के व्यक्ति ने मनी लांड्रिंग की है। उसने बड़ी रकम का लेनदेन किया गया है। इसके बाद उस व्यक्ति ने डॉक्टर चीना गर्ग को वीडियो कॉल कर अपनी निगरानी में ले लिया। वह धमकी देने लगा। बोला, मनी लांड्रिंग के मामले में उनका मोबाइल नंबर इस्तेमाल हुआ है। उसने ईडी की जांच में फंसाने की धमकी दी। काफी देर तक डॉक्टर कुछ समझ नहीं पाई। मगर, डॉक्टर ने घबराने के बाद फोन डिस्कनेक्ट (कॉल काट दी) कर दिया।

डॉक्टर ने आईजी से की शिकायत
कैंसर स्पेशलिस्ट डॉ. को साइबर ठगों ने डिजिटल अरेस्ट कर जाल में फंसा लिया। उसने ठगी की कोशिश की।काफी देर तक उन्होंने डॉक्टर को फोन पर धमकाया। आरोपी पुलिस की वर्दी में थे। उनके ऑफिस का बैकग्राउंड भी पुलिस ऑफिस जैसा था। उसमें पुलिस का लोगो लगा हुआ था। इस मामले में महिला डॉ.ने आईजी डॉ.राकेश सिंह से शिकायत की।आईजी ने साइबर थाना पुलिस को मामले में कार्रवाई के आदेश दिए हैं।

ठगी का बदला ट्रेंड, डिजिटल अरेस्ट जैसा कोई नियम नहीं 
ठगों ने ठगी का ट्रेंड बदल दिया है।डिजिटल अरेस्ट साइबर ठगी का नया धंधा बन चुका है। अब सड़कों पर और घरों में लूटपाट, चोरी करने के बजाय पढ़े लिखे क्रिमिनल माइंड के अपराधी साइबर ठगी का पैंतरा अपना रहे हैं। डिजिटल अरेस्ट सीख गए हैं। इससे वीडियो कॉल कर पुलिस ऑफिसर की वर्दी में सामने वाले को दुष्कर्म, मनी लांड्रिंग समेत केस में उनके या किसी उनके परिचित बेटे, बेटी को फंसाने की धमकी देते हैं। उनके खाते से रुपये ट्रांसफर कर लेते हैं। हालांकि, डिजिटल अरेस्ट जैसी पुलिस में कोई व्यवस्था नहीं है। कोई पुलिस अधिकारी वीडियो कॉल कर किसी को धमकी नहीं देता है। इसलिए ऐसे साइबर ठगों से सावधान रहें।

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