अवमानना मामले में आरआई पर होगा एक्शन : कोर्ट ने एसएसपी को दिए कार्रवाई के आदेश, जानलेवा हमले से जुड़ा है मामला

UPT | अवमानना मामले में आरआई पर होगा एक्शन

Nov 09, 2024 23:57

उत्तर प्रदेश के बरेली जिले के अपर सत्र न्यायाधीश हरेंद्र बहादुर सिंह ने पुलिस विभाग के रिजर्व इंस्पेक्टर (आरआई) हरमीत सिंह के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश दिया है

Bareilly News : उत्तर प्रदेश के बरेली जिले के अपर सत्र न्यायाधीश हरेंद्र बहादुर सिंह ने पुलिस विभाग के रिजर्व इंस्पेक्टर (आरआई) हरमीत सिंह के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश दिया है। मामला एक जानलेवा हमले से जुड़ा है, जिसमें दरोगा रिंकू कुमार को गवाही के लिए अदालत में पेश होने के लिए समन भेजा गया था, लेकिन आरआई ने उसे अदालत में पेश करने के बजाय किसी अन्य स्थान पर ड्यूटी पर भेज दिया।

आरआई को भेजा गया था समन 
कोर्ट के आदेश का पालन न करने पर आरआई को समन भेजकर अदालत में तलब किया गया। हालांकि, आरआई ने दरोगा रिंकू पर लापरवाही का आरोप लगाया। इसके बाद कोर्ट ने रिकॉर्ड चेक किया और पाया कि दोषी आरआई ही थे। इस मामले में बरेली शहर के किला थाना क्षेत्र में 2022 में एक जानलेवा हमला, वसूली, धमकी और आयुध अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया था। इस केस के गवाह के रूप में दरोगा रिंकू कुमार को अदालत में पेश होने के लिए समन भेजा गया था, लेकिन वह अदालत में उपस्थित नहीं हो पाए।

17 अक्टूबर को होनी थी गवाही
पुलिस लाइन के आरआई ने कोर्ट को बताया कि दरोगा रिंकू को 12 अक्टूबर को समन तामील करा दिया गया था, और उनकी गवाही 17 अक्टूबर को होनी थी। हालांकि, दरोगा ने कोर्ट में उपस्थित होने के लिए अनुमति नहीं ली और न ही इस बारे में गणना कार्यालय को सूचित किया। इस वजह से उनकी ड्यूटी किसी अन्य स्थान पर लगा दी गई थी। आरआई ने कोर्ट के आदेश को गंभीरता से नहीं लिया, जिसके कारण कोर्ट ने उनके खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

पीलीभीत न्यायालय में पेश होने को कहा
दरोगा रिंकू कुमार ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि 17 अक्टूबर को उन्हें अदालत में पेश होना था, लेकिन उनकी ड्यूटी जिला कारागार बरेली से तीन अभियुक्तों को पीलीभीत न्यायालय में पेश करने के लिए लगा दी गई थी, इस कारण वह अदालत में उपस्थित नहीं हो सके। कोर्ट ने इस मामले पर कड़ी नाराजगी जताई और कहा कि गवाह को अदालत में पेश करना आरआई की जिम्मेदारी थी, लेकिन उन्होंने न्यायिक प्रक्रिया में बाधा डाली। इस कारण कोर्ट ने कार्रवाई करने के आदेश दिए।

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