Bareilly News : आईएमसी चीफ सामूहिक निकाह पर अड़े, बोले- 21 को होगा कार्यक्रम

UPT | मौलाना तौकीर रजा खां

Jul 18, 2024 14:19

इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल (आईएमसी) के प्रमुख मौलाना तौकीर राजा खान द्वारा प्रस्तावित सामूहिक विवाह कार्यक्रम को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। मौलाना ने 21 जुलाई को होने वाले इस कार्यक्रम की घोषणा की थी, जिसमें ...

Bareilly News : मौलाना तौकीर रजा खां सामूहिक निकाह कार्यक्रम को लेकर अड़ गए हैं। उन्होंने 21 जुलाई को ही कार्यक्रम  होने की बात कही। मौलाना ने बुधवार रात मीडिया से बात की। बोले, मेरे बयान को गलत अंदाज में पेश किया गया। मैंने कहा था कि जिन लोगों का निकाह कराया जाना है। उन लोगों ने धर्म परिवर्तन कर लिया है।

इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल (आईएमसी) के प्रमुख मौलाना तौकीर राजा खान द्वारा प्रस्तावित सामूहिक विवाह कार्यक्रम को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। मौलाना ने 21 जुलाई को होने वाले इस कार्यक्रम की घोषणा की थी, जिसमें कथित तौर पर हिंदू युवाओं का धर्म परिवर्तन कर मुस्लिम बनाने की बात कही गई थी।

मौलाना ने किया दावा
मौलाना ने अपने बयान में कहा कि उनके पास 23 हिंदू युवाओं के आवेदन हैं, जिनमें 8 लड़के और 15 लड़कियां शामिल हैं। उन्होंने दावा किया कि ये युवा पहले से ही इस्लाम में विश्वास रखते हैं और धर्म परिवर्तन कर चुके हैं। मौलाना ने यह भी कहा कि वे लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वाले युवाओं को इस तरह के "हराम" कामों से बचाना चाहते हैं।

हिंदू संगठनों ने दर्ज कराया कड़ा विरोध
हालांकि, इस घोषणा के बाद विभिन्न हिंदू संगठनों ने कड़ा विरोध दर्ज कराया। विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल और अन्य संगठनों ने इस कार्यक्रम पर रोक लगाने और मौलाना के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की। उन्होंने आरोप लगाया कि यह धर्म परिवर्तन का एक षड्यंत्र है।

बिना उचित अनुमति के कार्यक्रम की अनुमति नहीं
इस विवाद के बीच, स्थानीय प्रशासन ने भी सतर्कता बरती। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्य ने स्पष्ट किया कि बिना उचित अनुमति के किसी भी कार्यक्रम की अनुमति नहीं दी जाएगी। उन्होंने कहा कि स्थानीय पुलिस और खुफिया विभाग इस मामले की जांच कर रहे हैं।

जबरन धर्म परिवर्तन इस्लाम में पूरी तरह से वर्जित
शहर के धार्मिक नेताओं ने भी इस मुद्दे पर अपनी राय व्यक्त की। शहर की शाही जामा मस्जिद के इमाम मुफ्ती खुर्शीद आलम ने कहा कि जबरन धर्म परिवर्तन इस्लाम में पूरी तरह से वर्जित है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि अगर कोई स्वेच्छा से धर्म परिवर्तन करता है, तो उसमें कोई गलत बात नहीं है।

विवाद के बाद प्रस्तावित कार्यक्रम रद्द किया
इस पूरे विवाद के बाद, प्रशासन ने अंततः प्रस्तावित कार्यक्रम को रद्द कर दिया। मौलाना ने बाद में अपने बयान को स्पष्ट करते हुए कहा कि उनका इरादा किसी भी तरह के अवैध धर्म परिवर्तन का नहीं था, बल्कि वे केवल उन लोगों की मदद करना चाहते थे जो पहले से ही इस्लाम में विश्वास रखते हैं।

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