योगी सरकार के मंत्री संजय सिंह का बेतुका बयान : कहा- गाय पर हाथ फेरने से बीपी और कैंसर से...

UPT | राज्य मंत्री संजय सिंह गंगवार

Oct 14, 2024 10:43

उत्तर प्रदेश के राज्य मंत्री संजय सिंह गंगवार ने रविवार को पीलीभीत के नोगवा पकड़िया में नवनिर्मित कान्हा गौशाला का उद्घाटन किया। 55 लाख रुपये की लागत से निर्मित इस गौशाला में गायों के संरक्षण...

Pilibhit News : उत्तर प्रदेश के राज्य मंत्री संजय सिंह गंगवार ने रविवार को पीलीभीत के नोगवा पकड़िया में नवनिर्मित कान्हा गौशाला का उद्घाटन किया। 55 लाख रुपये की लागत से निर्मित इस गौशाला में गायों के संरक्षण और देखभाल का विशेष प्रबंध किया गया है। कार्यक्रम के दौरान मंत्री संजय सिंह गंगवार ने गौशाला में पूजा-अर्चना की और गाय की पूजा कर जनता को संबोधित किया। उन्होंने अपने संबोधन में गाय के महत्व पर जोर देते हुए इसे स्वास्थ्य और आस्था से जुड़ा बताया और कई बीमारियों के निवारण के लिए गाय से जुड़ी प्रक्रियाओं का सुझाव दिया।


गाय के साथ रहने से बीमारियों में लाभ का दावा
संजय सिंह गंगवार ने दावा किया कि गाय की पीठ पर हाथ फेरने से ब्लड प्रेशर नियंत्रित होता है और इससे मानसिक शांति मिलती है। उन्होंने कहा कि अगर कोई व्यक्ति गौशाला में आकर गायों के नाद को साफ करता है और वहां समय बिताता है तो इससे कई शारीरिक और मानसिक लाभ होते हैं। उन्होंने यह भी दावा किया कि गौशाला में नाद के पास लेटने से कैंसर जैसी गंभीर बीमारी में भी सुधार हो सकता है। उनके इस बयान ने वहां मौजूद जनता का ध्यान आकर्षित किया और कई लोगों ने इसे आस्था और स्वास्थ्य का अनूठा संगम बताया।

गौशाला में मनाएं जन्मदिन और उत्सव
मंत्री गंगवार ने अपने भाषण में लोगों से आग्रह किया कि वे बच्चों का जन्मदिन, शादी की सालगिरह जैसे खास मौके गौशाला में मनाएं। उनका मानना है कि ऐसा करने से बच्चों में पशुप्रेम और समाजसेवा की भावना का विकास होगा। उन्होंने विशेष रूप से मुस्लिम समाज के लोगों से कहा कि ईद के मौके पर सिवइयों में गाय के दूध का उपयोग करें क्योंकि गाय का दूध अमृत समान है और इसका सेवन करना स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी है। इस बयान के बाद क्षेत्र में काफी चर्चाएं शुरू हो गईं और लोग विभिन्न प्रतिक्रियाएं व्यक्त करने लगे।

गाय में संपूर्ण ब्रह्मांड का वास
किसानों के हितों की बात करते हुए मंत्री संजय सिंह गंगवार ने कहा कि किसानों को आवारा पशुओं के खेतों में चरने से होने वाले नुकसान को शिकायत का विषय नहीं बनाना चाहिए। उन्होंने कहा, "गाय हमारी मां है, और यदि हम उसकी सेवा नहीं कर रहे हैं, तो इसका असर कहीं न कहीं हमारे ऊपर भी पड़ता है।" उन्होंने बताया कि गाय में संपूर्ण ब्रह्मांड का वास होता है और यह केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक ही नहीं, बल्कि व्यावहारिक और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है। उन्होंने उदाहरण देकर बताया कि जब गाय बछड़े को जन्म देती है तो बछड़ा तुरंत ही चलने-फिरने लगता है जबकि भैंस का बच्चा जन्म के बाद आठ दिनों तक निष्क्रिय रहता है। 

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