पुलिस के सवालों में फंसा सेना का फर्जी कैप्टन : नहीं बता पाया NDA का फुलफार्म, ठगी की कोशिश में पुलिस ने किया गिरफ्तार

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Nov 04, 2024 17:03

शाहजहांपुर में आर्मी की वर्दी पहनकर एक व्यक्ति ने खुद को सेना का कैप्टन बताते हुए 50 हजार रुपये ठगने की कोशिश की। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है।

Shahjahanpur News : शाहजहांपुर पुलिस ने एक ऐसा मामला उजागर किया है जिसमें आर्मी की वर्दी पहनकर एक व्यक्ति ने खुद को सेना का कैप्टन बताते हुए 50 हजार रुपये ठगने की कोशिश की। पुलिस ने इस फर्जीवाड़े का पर्दाफाश करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। यह घटना शाहजहांपुर के निगोही थाना क्षेत्र में टिकरी चौकी के पास की है, जहां आरोपी ठगी के इरादे से सेना की वर्दी में पहुंचा था। आरोपी का नाम रवि है और वह मऊ खास थाना बदर बाजार का निवासी है।



आरोपी ने पीड़ित को जेल से छुड़वाने का झांसा दिया
पीलीभीत के गायबोझ निवासी चंदनपाल ने बताया कि उनके कुछ परिजन हत्या के आरोप में पीलीभीत जेल में बंद हैं, जिनकी जमानत के प्रयास में वे लगे हुए थे। इसी दौरान उनका संपर्क रवि से हुआ जिसने खुद को आर्मी का कैप्टन बताते हुए दावा किया कि वह उनके परिजनों को जेल से छुड़वा सकता है। उसने इसके लिए 50 हजार रुपये खर्च का हवाला दिया। रवि ने चंदनपाल को निगोही क्षेत्र के टिकरी चौकी पर मिलने बुलाया लेकिन जब चंदनपाल ने उसे पीलीभीत आने का कहा तो रवि ने इनकार कर दिया। जिससे चंदनपाल को शक हुआ। आखिरकार चंदनपाल उसके झांसे में आ गए और टिकरी चौकी के पास मिलने के लिए तैयार हो गए।

सेना की वर्दी में पहुंचा, लेकिन पकड़ा गया
चंदनपाल के साथ तय समय पर आरोपी रवि सेना की वर्दी पहनकर बाइक से टिकरी चौकी के पास पहुंचा। उसने अपने आपको सेना में कैप्टन बताकर जेल से छुड़ाने के बदले 50 हजार रुपये की मांग की। लेकिन रवि की बातचीत और व्यवहार चंदनपाल को कुछ असामान्य लगा जिससे उनके मन में संदेह पैदा हुआ। संदेह होने पर चंदनपाल ने तुरंत पुलिस को सूचना दी और कुछ देर रुकने को कहा।

पुलिस की पूछताछ में हुआ खुलासा
मौके पर पहुंची पुलिस ने रवि को गिरफ्तार कर लिया। जब पुलिस ने उससे NDA का फुलफॉर्म पूछा तो वह नहीं बता पाया। पूछताछ में उसने बताया कि वह सिर्फ दसवीं पास है और सेना में कोई भी पद नहीं रखता। उसके पास से सेना के कैंटीन का स्मार्ट कार्ड, एक बाइक और मोबाइल बरामद हुआ। यह कार्ड किसी नरेश कुमार के नाम पर था। जिससे शक और भी गहरा गया। रवि ने यह भी बताया कि वह बरेली में सेना के अधिकारियों के घरों में खाना बनाता है। जिससे उसे सेना के बारे में कुछ जानकारी हासिल हुई। इसी जानकारी का उपयोग कर वह खुद को सेना का अधिकारी बताकर लोगों को धोखा देता था।

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माफी मांगने लगा आरोपी
पुलिस के गिरफ्त में आते ही रवि ने माफी मांगनी शुरू कर दी। उसने स्वीकार किया कि उसने गलती से सेना की वर्दी पहनी थी, लेकिन बैच भी गलती से लगा लिया था। रवि ने यह भी बताया कि वह गरीबी में जी रहा है और इसीलिए उसने ठगी का रास्ता अपनाया। रवि चार भाइयों में सबसे छोटा है और अपने बड़े भाई की मृत्यु के बाद अपनी भाभी से विवाह किया है, जिनके पहले पति से तीन बच्चे हैं। उसके पास कोई खेती-बाड़ी भी नहीं है और परिवार की हालत काफी खराब है।

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फर्जीवाड़े की सच्चाई
गांव में रवि खुद को सेना का अधिकारी बताकर रौब जमाता था लेकिन उसकी असलियत सामने आने पर गांव वालों में भी उसकी साख गिर गई। शाहजहांपुर के सीओ सदर प्रयांक जैन ने जानकारी दी कि आरोपी रवि को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। वह 50 हजार रुपये की ठगी करने का प्रयास कर रहा था, लेकिन पुलिस ने समय पर कार्रवाई कर उसके मंसूबों पर पानी फेर दिया।

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