सरकारी बैंकों में कमीशनखोरी का खेल जारी : हमीरपुर में किसानों से लोन के नाम पर वसूली की शिकायत, जिलाधिकारी से की कार्रवाई की मांग

UPT | आर्यावर्त बैंक की उमरिया शाखा

Sep 08, 2024 01:13

ग्रीन कार्ड बनवाने के नाम पर दवाब बनाकर कमीशन की मांग करने वाले नरेश, हरी, विपिन आदि कमीशन एजेंटों पर कार्यवाही करने की मांग की है

Hamirpur News : उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले में सरकारी बैंकों में भ्रष्टाचार के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। खासतौर पर गरीब किसानों से ऋण दिलाने के नाम पर बैंक कर्मचारियों और कमीशनखोर एजेंटों द्वारा रिश्वतखोरी का खेल धड़ल्ले से जारी है। कई बार कार्रवाई होने के बावजूद बैंकों में तैनात कर्मचारी और एजेंट इस अवैध वसूली से बाज नहीं आ रहे हैं। सरकार भले ही भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाने की बात करती हो, लेकिन जमीनी स्तर पर हालात बेहद चिंताजनक हैं।

किसानों से लोन के नाम पर वसूली की शिकायत
हाल ही में हमीरपुर जिले के सरीला तहसील के उमरिया स्थित आर्यावर्त बैंक शाखा में एक ताजा मामला सामने आया है, जहां एक किसान से लोन के नाम पर कमीशन की मांग की गई। इस मामले में पीड़ित किसान प्यारेलाल पुत्र हिंदुपत ने मुख्यमंत्री पोर्टल, बैंकिंग लोकपाल और जिलाधिकारी को शिकायत पत्र भेजकर बैंक कर्मचारियों और कमीशनखोर एजेंटों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।

किसानों का आर्थिक शोषण
शिकायतकर्ता प्यारेलाल ने अपने पत्र में उल्लेख किया कि उसने और उसकी पत्नी ने आर्यावर्त बैंक, उमरिया शाखा से ग्रीन कार्ड लोन कराया था। जब वे बैंक की ओर जा रहे थे, तभी बैंक के कमीशन एजेंटों नरेश, हरी, और विपिन ने उनसे कमीशन की मांग की। उन्होंने धमकी दी कि अगर कमीशन नहीं दिया गया, तो वह लोन का शेष पैसा नहीं निकाल पाएंगे। प्यारेलाल ने अपने पत्र में स्पष्ट किया कि बिना रिश्वत दिए बैंक से कोई भी काम कराना असंभव हो गया है। बैंक के कर्मचारी और कमीशन एजेंट मिलकर किसानों का आर्थिक शोषण कर रहे हैं। 

जिलाधिकारी से की कार्रवाई की मांग
पीड़ित ने मुख्यमंत्री पोर्टल, जिलाधिकारी हमीरपुर, और बैंकिंग लोकपाल को शिकायती पत्र भेजकर इस मामले की निष्पक्ष जांच और दोषी अधिकारियों व कमीशन एजेंटों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। इस प्रकार के मामलों में कार्रवाई होने के बावजूद सरकारी बैंकों में भ्रष्टाचार की जड़ें गहरी होती जा रही हैं। ऐसे में सरकार और प्रशासन को इस मुद्दे पर सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि किसानों और गरीबों को राहत मिल सके।

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