जन औषधि केंद्र में बेची जा रही बाहरी दवाएं : जांच करने पहुंचे सीएमएस तो मचा हड़कंप, दूसरे कमरे में छिपाते थे स्टॉक

UPT | सांकेतिक तस्वीर

Sep 11, 2024 01:24

महोबा जिला अस्पताल में स्थित प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र में बाहर की दवा बिक्री के गंभीर आरोप लगे हैं। अस्पताल में संचालित जन औषधि केंद्र को गरीब मरीजों को सस्ती दवाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से खोला गया था

Short Highlights
  • जन औषधि केंद्र में बेची जा रही बाहरी दवाएं
  • जांच करने पहुंचे सीएमएस तो मचा हड़कंप
  • दवाओं का बिल भी नहीं देते
Mahoba News : महोबा जिला अस्पताल में स्थित प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र में बाहर की दवा बिक्री के गंभीर आरोप लगे हैं। अस्पताल में संचालित जन औषधि केंद्र को गरीब मरीजों को सस्ती दवाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से खोला गया था, लेकिन अब यह केंद्र न केवल अधिक कीमतों पर दवाएं बेचने का आरोप झेल रहा है, बल्कि बाहर की दवाओं की बिक्री की भी शिकायतें आई हैं। सीएमएस द्वारा निरीक्षण के दौरान बाहरी दवाओं के स्टॉक का खुलासा हुआ।

बाहरी दवाओं का था भंडार 
अपर निदेशक स्वास्थ्य के हाल के निरीक्षण में पाया गया कि जन औषधि केंद्र में बाहरी दवाओं का एक बड़ा भंडार रखा गया था, जिसे गुपचुप तरीके से एक अलग कक्ष में छिपाया गया था। सीएमएस डॉक्टर पवन अग्रवाल के निरीक्षण में बाहरी दवाओं के भारी मात्रा में स्टॉक का खुलासा हुआ। शिकायत है कि जन औषधि केंद्र द्वारा निर्धारित मूल्य से अधिक दामों पर दवाएं बेची जा रही हैं और मरीजों को कोई बिल भी नहीं दिया जा रहा है। इस मामले में सीएमएस ने जांच के आदेश दिए हैं और इसके लिए लाईसेंस निरस्त करने की प्रक्रिया शुरू करने का आश्वासन दिया है।

दवाओं का बिल भी नहीं देते
मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (सीएमएस) ने मामले की गंभीरता को देखते हुए दवाओं के स्टॉक और उनकी कीमतों की जांच की। सीएमएस ने पुष्टि की कि जन औषधि केंद्र में दवाओं को गलत तरीके से स्टोर किया गया था और उनकी कीमतें असामान्य रूप से अधिक थीं। साथ ही, दवाओं की खरीद-बिक्री के दौरान बिल न दिए जाने की भी जानकारी सामने आई है। सीएमएस ने अस्पताल में लगे कैमरों के जरिए पूरी स्थिति की निगरानी की और दवाओं के स्टॉक की वीडियोग्राफी करवाई है।

दूसरे कमरे में छिपा रखी थी दवाएं
सीएमएस ने अस्पताल के एक निर्माणाधीन कक्ष में दवाओं के डंप होने की सूचना मिलने पर एक गहन निरीक्षण किया। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, इस कक्ष में बड़ी मात्रा में दवाएं रखी गई थीं, लेकिन कर्मचारियों ने चाबी न होने का बहाना बना कर कक्ष खोलने में असमर्थता जताई। इस मुद्दे को हल करने के लिए सीएमएस ने कक्ष की चाबी की जानकारी जुटाने और पूरी स्थिति की जांच कराने का आदेश दिया है। इसके साथ ही, सीएमएस ने अस्पताल के प्रबंधन को निर्देशित किया है कि सभी चिकित्सा सेवाओं की गुणवत्ता और पारदर्शिता को सुनिश्चित किया जाए ताकि मरीजों को उचित उपचार मिल सके।

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