कैसरगंज में सियासी 'गुगली' : भाजपा ने एक तीर से कैसे साध लिए दो निशाने, समझिए पूरी कहानी

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May 02, 2024 19:05

भाजपा ने कैसरगंज लोकसभा सीट से प्रत्याशी घोषित कर दिया है। पार्टी ने बृजभूषण के बेटे करण भूषण सिंह को टिकट दिया है। सुबह से ही सियासी गलियारों में इस बात की चर्चा चल रही थी।

Short Highlights
  • कैसरगंज से भाजपा का उम्मीदवार घोषित
  • बृजभूषण के बेटे को मिला टिकट
  • ठाकुर समाज की नाराजगी मानी जा रही वजह
Gonda News : भारतीय जनता पार्टी ने कैसरगंज लोकसभा सीट से प्रत्याशी घोषित कर दिया है। पार्टी ने बृजभूषण के बेटे करण भूषण सिंह को टिकट दिया है। सुबह से ही सियासी गलियारों में इस बात की चर्चा चल रही थी। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि बृजभूषण का टिकट काटकर उनके बेटे को देना भाजपा की गुगली साबित हो सकता है। इस पूरे सियासी कहानी को आपको थोड़ा तफ़्सील से समझाते हैं।

बृजभूषण का टिकट काटकर दिया संदेश
बृजभूषण सिंह पर महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोप हैं। लंबे समय से उन्हें खिलाफ कार्रवाई की मांग की जा रही थी। दिल्ली पुलिस ने जून 2023 में बृजभूषण के खिलाफ चार्जशीट फाइल की थी। कोर्ट में 7 मई को उनपर आरोप भी तय होने हैं। ऐसे में बृजभूषण का टिकट काटना लाजिमी था। भाजपा ने बृजभूषण का टिकट काटकर ये संदेश देने की कोशिश की है कि वह जनभावना का सम्मान करती है।

बेटे को टिकट देना मजबूरी?
अगर देखा जाए तो बृजभूषण का टिकट काटना भाजपा की जितनी बड़ी मजबूरी थी, उससे कहीं ज्यादा बड़ी मजबूरी बृजभूषण के ही किसी करीबी को टिकट देना था। अब अगर बात खुद बृजभूषण के बेटे की हो, तो फिर बात ही क्या। एक बार मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा था कि होइहि वहीं जो राम रचि राखा। बृजभूषण के इस बयान से ही स्पष्ट हो गया था कि वह टिकट को लेकर पूरी तरह से निश्चिंत हैं। करण भूषण यूपी कुश्ती संघ के अध्यक्ष हैं। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया से पढ़ाई की है। गोंडा, बहराइच में इनके करीब 50 स्कूल-कॉलेज है। युवाओं के बीच करण भूषण की अच्छी पकड़ भी है।

भाजपा के पास नहीं कोई उपाय
ये तो जगजाहिर है कि भारतीय जनता पार्टी के पास कैसरगंज में कोई दूसरा चारा नहीं था। बृजभूषण का केवल कैसरगंज और गोंडा ही नहीं, बल्कि संतकबीर नगर, बहराइच, अयोध्या और श्रावस्ती की सीटों पर भी काफी ज्यादा प्रभाव है। एक चर्चा और थी कि गाजियाबाद से जनरल वीके सिंह का टिकट काटे जाने के बाद से ही ठाकुर समाज भाजपा से नाराज हो गया था। कैसरगंज में ठाकुर मतदाताओं की संख्या 10 फीसदी, गोंडा में 17 फीसदी, संतकबीर नगर में 14 फीसदी, बहराइच में 18 फीसदी, अयोध्या में 10 फीसदी और श्रावस्ती में 8 है। ऐसे में बृजभूषण की जगह किसी गैर ठाकुर चेहरे को मैदान में उतारना भाजपा के लिए खुद के पैर पर कुल्हाड़ी मारने जैसा था। यहीं वजह है भाजपा ने ऐसी गुगली फेंकी है, जो चुनाव के लिहाज से एकदम सटीक है।

अंदरखाने क्या हो रही गुफ्तगू?
उत्तर प्रदेश टाइम्स ने इस पूरे मसले पर गोंडा के भाजपा जिलाध्यक्ष अमर किशोर कश्यप से बात की। अमर किशोर ने ठाकुरों की नाराजगी के दावे को पूरी तरह से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा- 'ये पार्टी की संसदीय कमेटी का निर्णय है। पार्टी को अगर लगता है कि करण भूषण सिंह टिकट के हकदार हैं, तो उन्हें टिकट मिला है। जहां तक ठाकुर समाज की नाराजगी के चलते टिकट देने की बात है, तो मुझे लगता है कि ये आरोप बेबुनियाद है। रायबरेली से दिनेश प्रताप सिंह को भी तो टिकट दिया गया है। ये पार्टी का फैसला है और  हम इसका सम्मान करते हैं।' हमने अमर किशोर से पूछा कि यौन उत्पीड़न के आरोपों के बावजूद बृजभूषण के घर में ही टिकट क्यों दिया गया? इस पर उन्होंने कहा कि 'आरोप बृजभूषण पर हैं, तो उन्हें टिकट नहीं दिया गया। उनके बेटे पर तो कोई आरोप नहीं है। फिर करण भूषण को टिकट देने में क्या दिक्कत हैं।'

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