खुशखबरी : गोरखपुर से अब वाराणसी और अयोध्या तक दौड़ेंगी इलेक्ट्रिक बसें, प्रदूषण मुक्त और किफायती यात्रा का वादा

UPT | Electric Buses

Jul 14, 2024 16:52

गोरखपुर रोडवेज प्रशासन ने इस  योजना के तहत 200 किलोमीटर के दायरे में 250 इलेक्ट्रिक बसों के संचालन की योजना बनाई है। इस प्रस्ताव को राज्य सरकार से हरी झंडी मिल चुकी है...

Electric Buses : उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल क्षेत्र में यात्रा करने वालों के लिए एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है। गोरखपुर से वाराणसी और अयोध्या जैसे प्रमुख धार्मिक स्थलों तक अब इलेक्ट्रिक बसों का संचालन होने जा रहा है। यह कदम न केवल यात्रियों के लिए सुविधाजनक होगा, बल्कि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी एक पहल साबित होगी।

250 इलेक्ट्रिक बस चलाने की योजना
गोरखपुर रोडवेज प्रशासन ने इस  योजना के तहत 200 किलोमीटर के दायरे में 250 इलेक्ट्रिक बसों के संचालन की योजना बनाई है। इस प्रस्ताव को राज्य सरकार से हरी झंडी मिल चुकी है, जिससे इस परियोजना को गति मिलने की उम्मीद है। गोरखपुर रोडवेज प्रबंधन ने इन बसों के संचालन के लिए विस्तृत रूट मैप तैयार कर लिया है और इसे प्रबंध निदेशक के पास अनुमोदन के लिए भेज दिया गया है।



इन जगहों के जोड़ने का काम करेंगी ये बसें
परिवहन निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक लव कुमार सिंह के अनुसार, इन 250 इलेक्ट्रिक बसों को ही गोरखपुर परिवहन निगम के बेड़े में शामिल किया जाएगा। यह अंतरजनपदीय बस सेवा न केवल गोरखपुर को वाराणसी और अयोध्या से जोड़ेगी, बल्कि सोनौली, देवरिया, कुशीनगर, बस्ती, आजमगढ़, मऊ, और बलिया जैसे निकटवर्ती जिलों से भी संपर्क स्थापित करेगी। इस प्रकार, यह सेवा पूर्वांचल के विभिन्न क्षेत्रों को एक सूत्र में पिरोने का काम करेगी।

कहा लगेंगी कितनी बसें
इस नई बस सेवा को इंटरसिटी बस सेवा के मॉडल पर संचालित किया जाएगा। वाराणसी के लिए सबसे अधिक, लगभग 50 बसें निर्धारित की गई हैं, जबकि अयोध्या के लिए 20 बसों का प्रावधान किया गया है। सोनौली मार्ग पर 10 बसें चलेंगी, और आसपास के अन्य जिलों के लिए प्रत्येक मार्ग पर चार-चार बसों का संचालन होगा। इस व्यवस्था से यात्रियों को अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए पर्याप्त विकल्प मिलेंगे।

प्रदूषण मुक्त और किफायती यात्रा का वादा
इलेक्ट्रिक बसों के इस नए बेड़े से कई फायदे होंगे। सबसे पहले, यह पर्यावरण के अनुकूल है, क्योंकि इससे वायु प्रदूषण में कमी आएगी। दूसरा, यह यात्रियों के लिए किफायती विकल्प होगा, क्योंकि इलेक्ट्रिक वाहनों का संचालन खर्च पेट्रोल या डीजल वाहनों की तुलना में कम होता है। तीसरा, यह सेवा धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देगी, क्योंकि वाराणसी और अयोध्या जैसे महत्वपूर्ण तीर्थस्थलों तक पहुंचना आसान हो जाएगा।

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