चिड़ियाघर में कूड़े के धुएं से वन्यजीवों की सेहत पर खतरा : बाघ-तेंदुए सबसे अधिक प्रभावित, प्रशासन की लापरवाही पर उठे सवाल

UPT | कूड़े के ढेर में लगी आग

Nov 06, 2024 19:22

गोरखपुर में जेमिनी गार्डेनिया अपार्टमेंट के सामने मंगलवार शाम कूड़े के ढेर में आग लगा दी। इससे आसपास के इलाकों में धुआं फैल गया...

Gorakhpur News : गोरखपुर में जेमिनी गार्डेनिया अपार्टमेंट के सामने मंगलवार शाम कूड़े के ढेर में आग लगा दी। इससे आसपास के इलाकों में धुआं फैल गया। इसके चलते चिड़ियाघर के वन्यजीवों के लिए मुश्किल हो गई। आग से उठने वाला धुआं चिड़ियाघर के नाइट सेल तक पहुंच गया, जिससे वहां मौजूद जानवरों को सांस लेने में परेशानी होने लगी।

वन्यजीवों को सांस लेने में हुई परेशानी
धुंआ से चिड़ियाघर के जानवरों की हालत खराब होने लगी। धुआं तेजी से चिड़ियाघर परिसर में फैल गया, जिससे नाइट सेल में मौजूद वन्यजीवों को सांस लेने में परेशानी होने लगी। विशेष रूप से बाघ और तेंदुए धुएं से बेहद परेशान दिखे, जबकि पक्षियों की आंखों से पानी बहने लगा और उनकी बेचैनी बढ़ गई।



प्रशासन की अनदेखी उजागर
चिड़ियाघर प्रशासन ने स्थिति को संभालने के लिए पहले गोरखपुर विकास प्राधिकरण (GDA) से संपर्क किया, लेकिन GDA ने कूड़ा गिराने की जिम्मेदारी से इनकार कर दिया। इसके बाद नगर निगम से भी कोई ठोस जवाब नहीं मिला।  इस लापरवाही ने स्थानीय प्रशासन की उदासीनता को उजागर कर दिया है, जिससे वन्यजीवों का जीवन खतरे में पड़ गया है।

35 से अधिक वन्यजीवों की जान जोखिम में
चिड़ियाघर के नाइट सेल में फिलहाल 35 से अधिक वन्यजीव रखे गए हैं, इसमें पीलीभीत से आए बाघ, छह तेंदुए, बाघिन शक्ति और कई पक्षी शामिल हैं। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. योगेश प्रताप सिंह ने बताया कि चिड़ियाघर में जानवरों के लिए स्वच्छ और प्राकृतिक वातावरण बनाए रखने का प्रयास किया जाता है, लेकिन कूड़े की आग से उठने वाला धुआं उनकी सेहत के लिए गंभीर खतरा बन गया है। धुएं का लंबे समय तक प्रभाव जानवरों की सेहत को बुरी तरह प्रभावित कर सकता है, जिससे उनकी स्थिति बिगड़ने का खतरा है।

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