यह व्रत संतान के सुखी जीवन की कामना के लिए किया जाता है। पर्व को लेकर शहर से गांव तक चहल पहल बढ़ गई है। घरों में प्रसाद की सामग्री को धोकर सुखाने व साफ करने का कार्य अंतिम चरण में है। नहाय खाय के साथ व्रत शुरू होने वाले दिन बिना मसाले के कडू की सब्जी का सेवन किया जाएगा। पहले दिन महिलाएं सिर धुलकर स्नान करेंगी और...