पद्मश्री डॉ. राधाचरण गुप्ता का निधन : वैदिक गणित के अग्रदूत ने कहा दुनिया को अलविदा

सोशल मीडिया | प्रसिद्ध वैदिक गणितज्ञ डॉ. राधाचरण गुप्ता का निधन, झांसी में शोक की लहर

Sep 06, 2024 06:46

वैदिक गणित के जाने-माने गणितज्ञ पद्मश्री डॉ. राधाचरण गुप्ता का लंबी बीमारी के बाद झांसी में निधन हो गया। उनके निधन से गणित और शिक्षा जगत में शोक की लहर दौड़ गई है। शुक्रवार को उनका अंतिम संस्कार नंदनपुरा मुक्तिधाम में होगा।

Jhansi News : वैदिक गणित के अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त गणितज्ञ पद्मश्री डा. राधाचरण गुप्ता का लंबी बीमारी के बाद गुरुवार को शिक्षक दिवस के मौके पर निधन हो गया। उनका अंतिम संस्कार शुक्रवार को नंदनपुरा मुक्तिधाम में किया जाएगा। आईआईटी बॉम्बे ने डा. गुप्ता के लेखों पर आधारित पुस्तक का प्रकाशन किया था, जिससे उनकी विद्वता को विश्व भर में पहचान मिली। उनके निधन के बाद झांसी में शोक की लहर दौड़ पड़ी है।

1935 में हुआ था जन्म
डा. राधाचरण गुप्ता का जन्म झांसी में 1935 में हुआ था। उनकी प्रारंभिक शिक्षा भी यहीं संपन्न हुई। उन्होंने 1955 में लखनऊ विश्वविद्यालय से स्नातक और 1957 में परास्नातक की उपाधि प्राप्त की थी। गणित में उनकी गहरी रुचि और विद्वता ने उन्हें लखनऊ क्रिश्चियन कॉलेज में गणित अध्यापक के रूप में करियर शुरू करने के लिए प्रेरित किया, जहां वे प्रवक्ता रहे।

वैदिक गणित से जुड़ी शुरुआत
1963 में डा. गुप्ता को दत्ता और सिन्हा की पुस्तक ‘हिस्ट्री ऑफ हिंदू मैथेमैटिक्स’ से गहरी प्रेरणा मिली। इसके बाद उन्होंने अपना जीवन वैदिक गणित के शोध कार्यों और लेखन को समर्पित कर दिया। 1991 में उन्हें राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी की फैलोशिप प्राप्त हुई और 1994 में वह भारत के गणित शिक्षक संगठन के अध्यक्ष चुने गए।

2009 में मिला 'कैनेथ ओ में' पुरस्कार
डा. गुप्ता को 2009 में गणित के इतिहास पर उनके शोध कार्यों के लिए अंतरराष्ट्रीय आयोग द्वारा 'कैनेथ ओ मे' पुरस्कार से नवाजा गया। यह पुरस्कार गणित के क्षेत्र में भारत में नोबेल पुरस्कार के समान माना जाता है। इसके अलावा 2015 में आईआईटी बॉम्बे ने डा. गुप्ता के लेखों पर आधारित पुस्तक ‘गणितानंद’ का प्रकाशन किया था, जो विश्व भर में प्रसिद्ध हुई।

लेखनी और योगदान
एनसीईआरटी दिल्ली ने डा. गुप्ता की दो महत्वपूर्ण पुस्तकों 'प्राचीन भारतीय गणित' और 'मध्यकालीन भारतीय गणित' को प्रकाशित किया था, जिनमें उन्होंने गणित के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पहलुओं पर प्रकाश डाला। वर्ष 2023 में भारत सरकार द्वारा उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। इसी साल बुंदेलखंड विश्वविद्यालय ने उन्हें 'पर्ल्स ऑफ बुंदेलखंड' सम्मान से नवाजा था।

अंतिम यात्रा शुक्रवार को
डॉ. गुप्ता की अंतिम यात्रा गुरुवार को सुबह 9 बजे उनके निज निवास से शुरू होकर नंदनपुरा मुक्तिधाम पहुंचेगी, जहां उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।

कमिश्नर और कुलपति ने जताया शोक
डॉ. गुप्ता के निधन पर झांसी मंडल के कमिश्नर बिमल कुमार दुबे और बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. मुकेश कुमार पांडेय ने गहरा शोक व्यक्त किया। दुबे ने कहा, “डा. गुप्ता का निधन समाज के लिए एक अपूरणीय क्षति है, उनके शोध कार्य आने वाली पीढ़ियों के लिए मार्गदर्शक बने रहेंगे।” कुलपति पांडेय ने कहा कि बीयू में उनके नाम पर शोध पीठ की स्थापना की गई है, जो उनके योगदान को जीवित रखेगी।
 

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