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चुनाव आयोग सख्त : वोटर आईडी चेक करने वाले पुलिसकर्मियों पर गिरी गाज, दो सब इंस्पेक्टर तत्काल प्रभाव से निलंबित

UPT | वोटर आईडी चेक करने वाले पुलिसकर्मियों पर गिरी गाज

Nov 20, 2024 13:53

कानपुर के सीसामऊ में मतदान के दौरान एक विवादित वीडियो सामने आने के बाद चुनाव आयोग ने त्वरित कार्रवाई की। वीडियो में पुलिस अधिकारियों...

Kanpur News : उत्तर प्रदेश उपचुनाव के दौरान मतदान प्रक्रिया को प्रभावित करने के मामले में चुनाव आयोग ने कड़ा कदम उठाया है। आयोग ने तत्काल प्रभाव से उन पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। जो मतदान करने आए मतदाताओं के पहचान पत्र की जांच कर उन्हें मतदान से रोकने का प्रयास कर रहे थे। यह कार्रवाई समाजवादी पार्टी (सपा) द्वारा अपनी शिकायतों को उठाए जाने के बाद की गई, जिसमें कुछ समुदायों को मतदान से रोकने का आरोप लगाया गया था। 

मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने दिया निर्देश 
मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) और सभी जिला चुनाव अधिकारियों (DEOs) और रिटर्निंग अधिकारियों (ROs) को निर्देशित किया है कि वे मतदान प्रक्रिया को निष्पक्ष और सुचारू रूप से संचालित करने के लिए हर संभव कदम उठाएं। चुनाव आयोग ने कहा कि किसी भी योग्य मतदाता को मतदान से रोका नहीं जाना चाहिए और यदि कोई शिकायत प्राप्त होती है तो उसकी तुरंत जांच की जाएगी। इसके साथ ही आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि किसी भी पुलिस अधिकारी या चुनाव संबंधित व्यक्ति द्वारा पक्षपाती रवैया अपनाया गया तो उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

सीसामऊ में हुई घटना ने बढ़ाई चिंता 
कानपुर के सीसामऊ में मतदान के दौरान एक विवादित वीडियो सामने आने के बाद चुनाव आयोग ने त्वरित कार्रवाई की। वीडियो में पुलिस अधिकारियों को मतदाताओं के पहचान पत्र की जांच करते और उन्हें वापस भेजते हुए दिखाया गया। जिससे उनके मतदान अधिकारों का उल्लंघन हुआ। मामले की गंभीरता को देखते हुए आयोग ने सब इंस्पेक्टर अरुण कुमार सिंह और राकेश कुमार नादर को तुरंत निलंबित कर दिया और जांच शुरू कर दी। चुनाव आयोग ने स्पष्ट रूप से आदेश दिया है कि पुलिस अधिकारियों को मतदान प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने की अनुमति नहीं है। मतदान प्रक्रिया को संचालित करने का अधिकार केवल आयोग द्वारा नियुक्त मतदान दल और उम्मीदवारों के एजेंटों का है। पुलिस का कर्तव्य केवल सुरक्षा और कानून व्यवस्था को बनाए रखना है।

सपा ने जताया विरोध
समाजवादी पार्टी ने इस मामले को लेकर चुनाव आयोग से संपर्क किया था। जिसमें कहा गया था कि कुछ स्थानों पर मतदाताओं को विशेष समुदायों से होने के कारण वोट डालने से रोका जा रहा है। पार्टी ने आरोप लगाया था कि यह मतदाताओं को उनके अधिकारों से वंचित करने की साजिश है। सपा ने चुनाव आयोग से ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई की अपील की थी।

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