Kanpur News : यूपी पीसीबी ने साइरस मिस्त्री की कंपनी पर लगाया 6.62 करोड़ का जुर्माना, नालों और एसटीपी से गंगा में गंदगी जाने पर लिया एक्शन 

UPT | Dumping Filth In Ganga From Drains

Jul 05, 2024 15:39

यूपी पीसीबी की तरफ से समय-समय पर की गई जांच में कंपनी की लापरवाही की पुष्टि हुई है। कंपनी एसटीपी और एसपीएस के संचालन में लगातार लापरवाही कर रही है,

Kanpur News : उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने गंगा में गंदगी बहाने वाली साइरस मिस्त्री की कंपनी कानपुर रिवर मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड पर 6.62 करोड़ रुपये जुर्माना लगाया है। वसूली करने के लिए गुरुवार को गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई को नोटिस दिया है। पर्यावरण के नुकसान की पूर्ति हेतु 2.62 करोड़ रुपये भू-राजस्व की तरह वसूलने के लिए राज्य बोर्ड लखनऊ ने जिला प्रशासन को पत्र भेजा है। नगर के सभी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांटों, सीवेज पंपिंग स्टेशनों का संचालन करने वाली कंपनी पर पहली बार इतना ज्यादा जुर्माना लगा है। 

कंपनी की लापरवाही की पुष्टि हुई 
यूपी पीसीबी की तरफ से समय-समय पर की गई जांच में कंपनी की लापरवाही की पुष्टि हुई है। कंपनी एसटीपी और एसपीएस के संचालन में लगातार लापरवाही कर रही है, जिसकी वजह से अक्सर गंदा पानी गंगा में जाता है। यूपी पीसीबी की तरफ से समय-समय पर की गई जांच में कंपनी की लापरवाही से सीसामऊ नाले सहित अन्य नालों और जाजमऊ एसटीपी से गंगा में करोड़ों लीटर गंदा पानी जाने की पुष्टि हुई। इसके चलते कंपनी पर कार्रवाई की गई।
नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा (एनएमसीजी) ने तीन साल पहले नगर के सभी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांटों (एसटीपी) और सभी सीवेज पंपिंग स्टेशनों (एसपीएस) के 15 साल रखरखाव और संचालन के लिए 800 करोड़ से ज्यादा का ठेका केआरएमपीएल को दिया है।

ऐसे होती है भू-राजस्व के तहत वसूली
बकाया धनराशि किस्तों में बांटी जाती है। बकायेदार की संपत्तियों का विवरण लिया जाता है। बकाया धनराशि जमा करने के लिए नोटिस दिया जाता है। निर्धारित समय में जमा न करने पर पुन: नोटिस, छह माह का समय दिया जाता है। फिर भी जमा न करने पर कुर्की का आदेश दिया जाता है और संपत्ति सीज कर ली जाती है।

इन कंपनी पर लगे जुर्माने के मामले  
पिछले साल 10 जुलाई को जाजमऊ स्थित 130 एमएलडी, 43 एमएलडी, 5 एमएलडी और बिनगवां स्थित 210 एमएलडी क्षमता के प्लांट का संचालन में लापरवाही पर ठेकेदार कंपनी पर पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति का जुरमाना लगाया गया। यह धनराशि बोर्ड में जमा करने के लिए जल निगम की गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई (ग्रामीण) के परियोजना प्रबंधक और केआरएमपीएल के प्रोजेक्ट मैनेजर को नोटिस दी गई।

राज्य बोर्ड मुख्यालय ने बीती 7 मार्च को जाजमऊ स्थित 130 एमएलडी प्लांट संचालन में लापरवाही पर 82.50 लाख पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति को को भू-राजस्व की तरह वसूलने के लिए डीएम को पत्र लिखा गया।

राज्य बोर्ड मुख्यालय ने बीती 19 फरवरी को जाजमऊ स्थित पांच एमएलडी प्लांट पर 41.75 लाख पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति को भी भू-राजस्व की तरह वसूलने के लिए डीएम को पत्र भेजा।

राज्य बोर्ड मुख्यालय ने बीती 19 फरवरी को भी 210 एमएलडी जाजमऊ के संचालन में गड़बड़ी पर 1,37,75,000 रुपये क्षतिपूर्ति भी भू-राजस्व की तरह वसूलने के लिए डीएम को पत्र भेजा गया।

Also Read