Etawah News : वंदे भारत एक्सप्रेस से टकराया मवेशी, इंजन में तकनीकी खराबी से 1 घंटा रुकी, पीछे से आ रही थीं ट्रेनें फिर...

UPT | वंदे भारत एक्सप्रेस

Jun 23, 2024 06:41

रेलवे के पीआरओ अमित सिंह ने भी घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि कैटल रन ओवर की घटना के कारण वंदे भारत एक्सप्रेस को चेक करना पड़ा।

Etawah News : दिल्ली-हावड़ा रेल मार्ग पर एक घटना के चलते वाराणसी से नई दिल्ली जा रही वंदे भारत एक्सप्रेस को भरथना स्टेशन के पास रोकना पड़ा। यह घटना तब हुई जब ट्रेन के इंजन में तकनीकी खराबी आ गई, जिसके चलते एक घंटे तक अप लाइन पर यातायात बाधित रहा। साथ ही पीछे आ रही ट्रेन को आउटर सिग्नल व समोह स्टेशन पर रोका गया।

ट्रेन को रोकने की नौबत क्यों आई?
उत्तर मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी, हिमांशु शेखर उपाध्याय के अनुसार, मऊ सुपरफास्ट एक्सप्रेस जो आनंद विहार टर्मिनल से मऊ जा रही थी, उसके इंजन से भरथना के पास एक मवेशी टकरा गया था। इस टक्कर के कारण मवेशी सामने से आ रही वंदे भारत एक्सप्रेस के इंजन से टकरा गए, जिससे वंदे भारत एक्सप्रेस की ब्रेक पाइप टूट गई। ब्रेक पाइप के टूटने के कारण ट्रेन को तुरंत रोकना पड़ा।



तकनीकी समस्या का समाधान
ट्रेन के रुकने के बाद, लोको पायलट ने स्थिति को समझते हुए ट्रेन को वहीं रोक दिया। इस दौरान आधा दर्जन तकनीकी कर्मचारी इंजन की खराबी को ठीक करने में जुट गए। लगभग 45 मिनट की मेहनत के बाद, कर्मचारियों ने ब्रेक पाइप की मरम्मत कर दी और ट्रेन को रात 8.50 बजे आगे की यात्रा के लिए रवाना कर दिया गया। इस प्रक्रिया के दौरान, पीछे आ रही ट्रेन को आउटर सिग्नल और समोह स्टेशन पर रोका गया ताकि किसी अन्य दुर्घटना की संभावना न रहे।

यात्रियों को हुई परेशानी
एक घंटे तक ट्रेन के रुकने से यात्रियों में अफरातफरी का माहौल पैदा हो गया। कुछ यात्री इस घटना से चिंतित हो गए, जबकि कुछ ने रेलवे कर्मचारियों की त्वरित कार्रवाई की सराहना की। यात्रियों को सही जानकारी देने और उन्हें सुरक्षित रखने के लिए रेलवे अधिकारियों ने तत्परता दिखाई।

रेलवे की क्या किया
रेलवे के पीआरओ अमित सिंह ने भी घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि कैटल रन ओवर की घटना के कारण वंदे भारत एक्सप्रेस को चेक करना पड़ा। उन्होंने यह भी कहा कि इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए रेलवे सुरक्षा मानकों को और मजबूत करने की दिशा में कार्य कर रहा है। इस घटना ने रेलवे प्रशासन को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि ऐसी परिस्थितियों में यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं।

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