Farrukhabad News : महिला दस दिनों से थाना-चौकी के लगा रही थी चक्कर, रिपोर्ट दर्ज नहीं होने पर की खुदकुशी

UPT | सांकेतिक तश्वीर

Oct 06, 2024 00:16

फर्रुखाबाद में एक महिला अपने साथ हुई मारपीट की रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए पुलिस अधिकारियों के दफ्तरों के चक्कर काट रही थी। लेकिन उसकी कहीं सुनवाई नहीं हो रही थी। जिससे आहत होकर उसने सुसाइड कर ली।

Short Highlights
  • फर्रुखाबाद में महिला अपने साथ हुई मारपीट की रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए 10 तक थाने-चौकी के चक्कर लगाती रही
  • रिपोर्ट दर्ज नहीं होने से आहत महिला ने किया सुसाइड
  • समाधान दिवस में तहरीर बदलने का दबाव, फिर एसपी को दिया प्रार्थना पत्र
  • पड़ोसियों ने की थी मारपीट, गाली-गलौच और अभद्रता
Farrukhabad News : यूपी पुलिस देश में एनकाउंटर स्पेशलिस्ट बन गई है। बड़े से बड़ा आपराधी यूपी पुलिस से खौफ खाता है, दावे किए जाते हैं कि अपराधी जेल में हैं या फिर प्रदेश छोड़कर भाग गए हैं। लेकिन बात जब महिला अपराध की आती है, तो पुलिस का रवैया बदल जाता है। फर्रुखाबाद में एक महिला बीते दस दिनों से थाना, चौकी, समाधान दिवस और एसपी ऑफिस के चक्कर काट रही थी। लेकिन उसकी रिपोर्ट नहीं दर्ज की जा रही थी। इससे आहत होकर उसने महिला ने घर के कमरे में फांसी लगाकर जान देदी। पुलिस अब पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई करने की बात कह रही है।

फतेहगढ़ कोतवाली क्षेत्र स्थिति कुटारा गांव निवासी तारा कश्यप (25) का शुक्रवार सुबह कमरे शव फंदे से लटकते हुए मिला था। तारा की शादी पांच साल पहले ग्वालटोली निवासी सोनू से हुई थी। सोनू शराब का लती था, उसकी हरकतों से परेशान होकर तारा दो साल से मायके में रह रही थी। तारा के पिता और भाई की मौत हो चुकी है। वह बुजुर्ग मां के साथ रह रही थी।

पीड़िता ने लगाए थाने-चौकी के चक्कर 
तारा बीते 23 सितंबर को दुकान से सामान लेने जा रही थी। इसी दौरान पड़ोसियों की तारा से किसी बात को लेकर कहासुनी हो गई। पड़ोसियों ने तारा की जमकर पिटाई कर दी। तारा ने इसकी शिकायत पुलिस की, तो पुलिस ने उसका लोहिया अस्पताल में मेडिकल कराया। मेडिकल के दौरान पीड़िता के शरीर में सात चोटों की पुष्टि हुई थी। इसके बाद तारा अपनी मेडिकल रिपोर्ट लेकर थाने और चौकी के चक्कर कटती रही। लेकिन उसकी रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई।

समाधान दिवस में तहरीर बदलने का दबाव 
तारा अपनी शिकायत लेकर समाधाम दिवस में पहुंची, तो पुलिस ने तहरीर बदल कर लाने की बात कही। पीड़िता ने जब तहरीर बदल कर दी, तो पुलिस ने इसके बाद भी रिपोर्ट दर्ज नहीं की।उसने 30 सितंबर को एसपी को संबोधित प्रार्थना पत्र भेजा था। लेकिन इसके बाद भी उसे न्याय नहीं मिला। तारा की मां पुष्पा देवी 3 सितंबर को कन्नौज स्थित मायके गईं थीं, इसी दिन तारा ने फांसी लगाकर जान देदी।

शुक्रवार दोपहर तक पीड़िता घर के बाहर नहीं दिखी 
शुक्रवार दोपहर तक तारा घर के बाहर नहीं दिखी तो ताऊ रामू ने आसपास के लोगों से जानकारी की। उन्होंने अंदर जाकर देखा तो उसका शव फंदे से लटक रहा था। ताऊ ने घटना की सूचना मां पुष्पा देवी और पुलिस को दी। मां का आरोप है कि बेटी अपने साथ हुई मारपीट को लेकर 10 दिनों से थाने, चौकी, समाधान दिवस और एसपी के यहां के चक्कर लगा रही थी। रिपोर्ट दर्ज नहीं होने से वह परेशान थी, जिसकी वजह से ख़ुदकुशी कर ली। 

विवेचक-थाना प्रभारी की जांच 
सीओ सीटी एश्वार्य उपाध्याय के मुताबिक 23 सितंबर की शाम को तारा और दूसरे पक्ष के बीच मारपीट हुई थी। दूसरे पक्ष के एक युवक को गंभीर चोटे आई थीं। समाधान दिवस में दोनों पक्षों को बुलाया गया था। तारा आई थी, लेकिन दूसरा पक्ष नहीं आया था। विवेचक ने दोनों पक्षों के खिलाफ मुचलके पर पाबंद करने की कार्रवाई की गई थी। यदि दोनों पक्षों के चोटे थीं तो दो पक्षों के खिलाफ शांतिभंग की कार्रवाई क्यों नहीं की गई। इस मामले में विवेचक और थाना प्रभारी की जांच की जा रही है।

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