जज को अब तक नहीं मिली सुरक्षा : पीछाकर बदमाशों ने दिखाए थे असलहे, घटना के 12 दिन बाद दर्ज हो सकी एफआईआर

UPT | सांकेतिक तश्वीर

Nov 12, 2024 18:41

फर्रुखाबाद जिले में तैनात विशेष न्यायधीश ईसी एक्ट डॉ अनिल कुमार को नोएडा जाते समय बदमाशों ने असलहे दिखाए थे। जिसकी शिकायत उन्होंने विभाग के शीर्ष अधिकारियों से की थी। शिकायत के 12 दिन बाद पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज की थी। इसके साथ ही जिला जज के माध्यम से एसपी को पत्र लिखकर सुरक्षा मांगी गई थी। लेकिन अब तक सुरक्षा मुहैया नहीं कराई गई है।

Short Highlights
  • विशेष न्यायधीश ईसी एक्ट ने सुंदर भाटी गिरोह पर जताया शक
  • जज ने 12 गिरोह के 12 सदस्यों को सुनाई थी सजा
  • जिला जज के माध्यम से एसपी को पत्र भेजकर मांगी सुरक्षा, इसके बाद भी नहीं मिली सुरक्षा
Farrukhabad News : यूपी पुलिस की हैरान करने वाली करतूत सामने आई है। प्रदेश की पुलिस शीर्ष पदों पर बैठे जिम्मेदारी अधिकारियों की समस्याओं को भी नहीं सुनती है। फर्रुखाबाद जिले में तैनात विशेष न्यायधीश ईसी एक्ट डॉ अनिल कुमार फर्रुखाबाद से नोएडा जा रहे थे। इस दौरान बदमाशों ने उन्हें घेरकर असलहे दिखाए। इस घटना के 12 दिन बाद पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज की है। इससे भी ज्यादा चौंकाने वाली बात है कि अब तक उन्हें सुरक्षा मुहैया नहीं कराई गई है। न्यायधीश ने सुंदर भाटी गैंग पर शक जताया है। उन्होंने चार नवंबर को जिला जज के माध्यम से पत्र भेजकर सुरक्षा की मांग की थी।

विशेष न्यायधीश डॉ अनिल कुमार गौतमबुद्ध नगर में एडीशनल सेशन जज रहते हुए पांच अप्रैल 2021 को सुंदर भाटी समेत गिरोह के 12 सदस्यों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। सजा सुनाने के बाद उनको चार पुलिस कर्मियों की सुरक्षा मिली थी। गौतमबुद्ध नगर से ट्रांसफर होने के बाद 21 नवंबर 2023 को सुरक्षा हटा ली गई थी। इसके बाद 22 नवंबर 2023 को फर्रुखाबाद में ज्वाइनिंग की थी। 

रास्ते में दिखाई थी पिस्तौल 
इसके बाद तत्कालीन एसपी विकास कुमार को सुरक्षा के संबंध में अवगत कराया गया था, लेकिन इसपर कोई कार्रवाई नहीं हुई। सजा सुनाने के बाद गैंग हमले की फिराक में है। इस गिरोह के सदस्यों ने नोएडा स्थित घर जाते समय जट्टारी के पास बोलेरो गाड़ी से पीछा किया था। कार से बदमाशों ने पिस्तौल दिखाकर डराया। इस बारे में उन्होंने ने अलीगढ़ के खैर में रिपोर्ट दर्ज कराई है।

पत्र लिखकर मांगी थी सुरक्षा 
इस घटना के बाद उन्होंने जिला जज के माध्यम से एसपी अलोक प्रियदर्शी को पत्र भेजकर अपनी और गौतमबुद्ध नगर में रह रहे परिवार की सुरक्षा की मांग की थी। पत्र भेजने के बाद भी किसी तरह की सुनवाई नहीं हुई। उन्होंने भविष्य में भी ऐसी वारदात का अंदेशा जताया है।

मुख्य सचिव को भेजा गया पत्र 
इस घटना की रिपोर्ट दर्ज करने में पुलिस ने लापरवाही दिखाई है। वारदात के बारे में चौकी इंचार्ज संदीप कुमार को फौरन जानकारी दी गई थी। इसके बाद एसएसपी के पीआरओ और खैर थानाध्यक्ष को मोबाइल से 9:28 बताया गया। बीते 30 अक्टूबर को एसएसपी अलीगढ़ को ईमेल के जरिए पत्र भेजा गया था। इसके बाद 10 नवंबर को रिपोर्ट दर्ज की गई। विशेष न्यायधीश ने पुलिस की इस लापरवाही पर मुख्य सचिव गृह, डीजीपी, आईजी जोन, डीआईजी जोन को पत्र भेजा है।

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