Kanpur News : बेटे को ट्रेन में बैठाना पिता को पड़ा भारी, हुआ ऐसा काम की आप भी जान कर हो जाएंगे हैरान......

UPT | वंदे भारत ट्रेन

Nov 17, 2024 19:16

यूपी के कानपुर जिले से एक चौका देने वाला मामला सामने आया है।जहां एक पिता को अपने बेटे को वंदे भारत ट्रेन में बैठाना भारी पड़ गया। बेटे को दिल्ली के लिए ट्रेन में बैठाने गया पिता ट्रेन के दरवाजे बंद होने के चलते अंदर ही फस गया।जिसके बाद उसको दिल्ली न चाहते हुए दिल्ली जाना पड़ गया।

Kanpur News : यूपी के कानपुर जिले से एक चौका देने वाला मामला सामने आया है।जहां एक पिता को अपने बेटे को वंदे भारत ट्रेन में बैठाना भारी पड़ गया। बेटे को दिल्ली के लिए ट्रेन में बैठाने गया पिता ट्रेन के दरवाजे बंद होने के चलते अंदर ही फस गया।जिसके  बाद उसको दिल्ली न चाहते हुए दिल्ली जाना पड़ गया। वही दिल्ली तक का सफर करने के दौरान पिता को 2870 रुपये जुर्माना भी भरना पड़ा गया।हालांकि इस घटना के बाद रेलवे ने एक बार फिर वंदे भारत के स्वचलित दरवाजों को लेकर एडवाइजरी जारी की है।

अनाउंसमेंट होते ही बंद हुए ट्रेन के दरवाजे 
बता दें कि शहर के ही रहने राम विलास यादव के बेटे को शनिवार को दिल्ली जाना था। इसलिए बेटे को ट्रेन में बैठाने पिता सेंट्रल स्टेशन पहुंचे। पिता-पुत्र एक नंबर प्लेटफार्म पर ट्रेने का इंतजार कर रहे थे। इसी बीच 22415 वाराणसी-नई दिल्ली वंदे भारत एक्सप्रेस पहुंची। दरवाजे खुलते ही दोनों सी-6 चेयर में चढ़ गए। बेटे का सामान सीट के पास रखने के बाद पिता खड़े ही हुए थे कि अनाउंसमेंट होने लगा कि ट्रेन के दरवाजे बंद होने वाले हैं। यह सुनकर राम विलास दरवाजे की तरफ भागे, लेकिन तब तक दरवाजे बंद हो गए। राम विलास अंदर ही कैद होकर रह गए। ट्रेन चलने पर रुकवाने के लिए राम विलास चालक की केबिन पहुंचे और अपनी समस्या बताई।

2870 रुपये का भरना पड़ा जुर्माना 
हालांकि राम विलास के बार-बार करने पर भी चालक ने ट्रेन रोकी नहीं, लेकिन चेकिंग स्टाफ ने जरूर उन्हें पकड़ लिया। राम विलास के पास टिकट न होने पर उनका चालान काट दिया गया और उन्हें तत्काल 2870 रुपये जुर्माना भरना पड़ा। वहीं जाने को कोई इरादा नहीं था, लेकिन राम विलास दिल्ली पहुंच गए। इसकी चर्चा होने पर रेलवे ने एक बार फिर से एडवाइजरी जारी की है। जिसमें बताया गया है कि सुरक्षा को ध्यान में रखते वंदे भारत में स्वचलित दरवाजे लगाए गए हैं। दरवाजे ट्रेन चलने से पहले ही बंद हो जाते हैं। अगला स्टॉप आने पर ही खुलते हैं। ऐसे में अंदर वही लोग रहे, जिन्हें यात्रा करनी है।

स्टेशन अधीक्षक ने दी जानकारी 
वही इस पूरे मामले पर सेंट्रल स्टेशन के अधीक्षक अवधेश कुमार द्विवेदी ने बताया की वंदे भारत के दरवाजे सेंसर पर आधारित है और अचानक ट्रेन रोकने के लिए चेन पुलिंग की भी सुविधा नहीं है। दरवाजों के सेंसर का कंट्रोल सिर्फ चालक के पास होता है। बाकी स्टॉप के हिसाब से भी कमांड होती है। वंदे भारत के दरवाजे स्वचलित हैं।

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