महाकुंभ के हवाई दर्शन अब सिर्फ 1296 में : हेलीकॉप्टर का किराया घटा, आठ मिनट देख सकेंगे मनोहारी दृश्य  

UPT | पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह।

Jan 12, 2025 21:18

महाकुंभ मेले की शुरुआत से एक दिन पहले पर्यटन विभाग ने बड़ी घोषणा की है। आस्था का सबसे बड़ा पर्व महाकुंभ में आने वाले देशी-विदेशी पर्यटक और श्रद्धालु अब 1296 रुपये में हेलिकॉप्टर से मेला क्षेत्र का हवाई दर्शन कर सकेंगे।

Lucknow News : महाकुंभ मेले की शुरुआत से एक दिन पहले पर्यटन विभाग ने बड़ी घोषणा की है। आस्था का सबसे बड़ा पर्व महाकुंभ में आने वाले देशी-विदेशी पर्यटक और श्रद्धालु अब 1296 रुपये में हेलिकॉप्टर से मेला क्षेत्र का हवाई दर्शन कर सकेंगे। इससे पहले इस सेवा के लिए 3000 रुपये प्रति व्यक्ति शुल्क निर्धारित था। जिसे संशोधित कर कम कर दिया गया है। नए रेट में सात से आठ मिनट की हेलिकॉप्टर जॉयराइड की सुविधा होगी। संगम की रेती पर आयोजित विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक समागम महाकुंभ 13 जनवरी से शुरू होकर 26 फरवरी चलेगा।

श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए घटाय किराया
पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने रविवार को कहा कि यह बदलाव पर्यटकों व श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखकर किया गया है। उन्होंने बताया कि कल 13 जनवरी को इसका शुभारम्भ किया जायेगा। इसके द्वारा पर्यटक व श्रद्धालु काफी ऊंचाई से महाकुम्भ का मनोहारी दृश्य देख सकेंगे।



इस बेबसाइट से हवाई सेवा की बुकिंग
जयवीर सिंह ने महाकुंभ की तैयारियों की समीक्षा के दौरान बताया कि हेलीकॉप्टर जॉयराइड के लिए ऑनलाइन बुकिंग www.upstdc.co.in से की जायेगी है। इस सेवा का संचालन केंद्र सरकार के उपक्रम पवनहंस द्वारा किया जाएगा। इसके अलावा पर्यटन एवं संस्कृति विभाग श्रद्धालुओं और पर्यटकों को वॉटर और एडवेंचर स्पोर्ट्स का रोमांचकारी अनुभव भी प्रदान करेगा। मेला क्षेत्र में इन गतिविधियों के लिए सभी आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।

महाकुंभ में लेजर-ड्रोन शो पर जोर
पर्यटन मंत्री ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिया कि लेजर शो, ड्रोन शो और यूपी दिवस से जुड़े सभी कार्यक्रम भी बेहतर तरीके से पर आयोजित किए जाएं। इसमें किसी भी तरह की लापरवाही न मिले। महाकुंभ में देश-विदेश से बड़ी संख्या में पर्यटक और सनातन संस्कृति को मानने वाले श्रद्धालु आएंगे। ऐसे में उनके ठहरने, सुविधाओं और आस्था की डुबकी लगाने के अनुभव में किसी प्रकार की बाधा नहीं होनी चाहिए। इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए कि श्रद्धालु सहज वातावरण में आस्था की डुबकी लगाकर अपनी धार्मिक यात्रा को सुखद यादों के साथ पूरा कर सकें।

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