May 22, 2024 17:41
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गर्मी बढ़ती जा रही है। ऐसे में जानवरों के लिए विशेष इंतजाम करना जरूरी हो जाता है। इसलिए जानवरों के लिए तापमान नियंत्रित करने के लिए स्प्रिंकलर लगाए हैं। लगभग 25 से 30 कूलर हैं जो शेड के अंदर रखे जाते हैं।
Lucknow News : गर्मी को देखते हुए विभिन्न जानवरों के बाड़ों में डेजर्ट कूलर,स्प्रिंकलर, माइक्रो-फॉगर और मैट लगाए गए हैं। साथ ही उनकी डाइट में भी अहम बदलाव किए गए हैं। बेहतर स्वच्छता के लिए चिड़ियाघर के शेडों को प्रतिदिन पानी से साफ किया जाता है। चिड़ियाघर की निदेशक अदिति शर्मा ने कहा, यह न केवल बाड़ों के भीतर ठंडा तापमान बनाए रखता है बल्कि आसपास के वातावरण को भी स्वच्छ रखता है। गर्मी के महीनों के दौरान प्रत्येक बाड़े में दिन में दो बार ताज़ा पानी भी उपलब्ध कराया जाता है।
हिमालयी भालू के लिए विशेष व्यवस्था
काले हिरण, हॉग हिरण, दलदल हिरण, भौंकने वाले हिरण, चित्तीदार हिरण, चिंपैंजी, शेर-पूंछ वाले मकाक, शेर, सफेद बाघ और पक्षियों के बाड़ों में एक विशेष छिड़काव प्रणाली स्थापित की गई है। इससे जानवर पूरे दिन गीला और ठंडा महसूस करते हैं। इसके विपरीत, शेर, बाघ, सांप, शेर-पूंछ वाले मकाक, मछली और उल्लू सहित 25 पशु प्रजातियों के बाड़ों में डेजर्ट कूलर स्थापित किए गए हैं। पशु चिकित्सालय में भी कूलर लगाए गए हैं। बाघ और हिमालयी भालू जैसे जानवरों के लिए अस्थायी पूल खोदे गए हैं।
बाड़ों के आसपास पेड़-पौधे लगाए
नवाब वाजिद अली शाह प्राणी उद्यान, लखनऊ में गर्मी से बचाने के लिए विभिन्न जंगली जानवरों की आवश्यकता के अनुसार व्यवस्था की गई है। लखनऊ चिड़ियाघर की निदेशक अदिति शर्मा ने कहा कि कई जंगली जानवरों के बाड़ों के आसपास जहां सूरज की रोशनी अधिक होती है, वहां बड़ी संख्या में पेड़-पौधे लगाए गए हैं।
पक्षियों के बाड़े में चटाई लगाई गई
पक्षियों के बाड़े में चटाई और फव्वारे लगाए गए हैं, ताकि उन्हें गर्मी से बचाया जा सके। इन मटकों को भी पानी से भिगोया जा रहा है। इसके अलावा शेर, बाघ और बंदरों के बाड़ों में कूलर की व्यवस्था की गई है। उनके टैंक में पानी भी भर दिया गया है, ताकि वे गर्मी से बच सकें। साथ ही उन्हें पानी की भी कमी नहीं होनी चाहिए।
"जैसा कि आप देख सकते हैं, गर्मी बढ़ती जा रही है। ऐसे में जानवरों के लिए विशेष इंतजाम करना जरूरी हो जाता है। इसलिए जानवरों के लिए तापमान नियंत्रित करने के लिए हमने स्प्रिंकलर लगाए हैं। लगभग 25 से 30 कूलर, जो शेड के अंदर रखे जाते हैं जहां जानवर सोते हैं।" -अदिति शर्मा, निदेशक, लखनऊ चिड़ियाघर
पानी की बौछार से मिलती है राहत
निदेशक ने बताया कि खुले बाड़े में विचरण करने वाले जानवरों के लिए स्प्रिंकलर लगाया गया है। स्प्रिंकलर से निकलने वाले पानी की बौछार जानवरों काफी राहत दे रही हैं। उन्होंने बताया कि स्प्रिंकलर का संचालन रोटेशन के आधार पर सुबह 11 बजे से शाम 4 बजे तक किया जा रहा है। गर्मी और लू से बचाने के लिए बाड़ों, विशेषकर पक्षियों के बाड़ों के किनारों पर चटाई/चादरें लगाई गई हैं।
खाने में भी हुआ बदलाव
गर्मी को देखते हुए उनके खाने-पीने का भी खास इंतजाम किया गया है। जानवरों को अंडा और गर्म तासीर का खाना जैसे गुड़ और गन्ना बंद देना बंद कर दिया गया है। उन्हें मौसम के अनुसार मौसमी फल और हरी सब्जियां दी जा गई हैं। जानवरों को खाने में खीरा, ककड़ी, केला, अंगूर और तरबूज दिया जा रहा है।
बाघ की खुराक कम, तरबूज खाएंगे बंदर
गर्मी बढ़ने के कारण चिड़ियाघर में जानवरों के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं। टाइगर की डाइट जो 12 किलो मीट थी, उसे घटाकर 10 किलो कर दिया गया है। हुक्कू बंदर के उबले अंडे बंद कर तरबूज और संतरे दिए जा रहे हैं। शेर और तेंदुए के बाड़े के टैंक में भी पानी भर दिया गया है। हिरण को खीरा, ककड़ी, चेरी दिया जा रहा है, ताकि उनके शरीर का वॉटर कंटेंट बना रहे।