राकेश टिकैत ने कंगना रनौत पर साधा निशाना : JP नड्डा को लिखा पत्र, पूछा-कब तक अपमानित होते रहेंगे किसान?

UPT | राकेश टिकैत

Sep 29, 2024 12:40

भारतीय किसान यूनियन (BKU) के प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत ने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा को पत्र लिखकर अभिनेत्री और सांसद कंगना रनौत के खिलाफ तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।

Lucknow News : भारतीय किसान यूनियन (BKU) के प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत ने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा को पत्र लिखकर अभिनेत्री और सांसद कंगना रनौत के खिलाफ तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। पत्र में टिकैत ने कंगना पर सवाल उठाते हुए कहा कि आखिर आपकी पार्टी ने 2024 के चुनाव में हिमाचल प्रदेश की मंडी सीट से ऐसी प्रत्याशी को उतारने का निर्णय क्यों लिया, जिसे देश और उसकी कृषि प्रणाली के बारे में कोई जानकारी नहीं है। 

राकेश टिकैत ने कंगना रनौत पर साधा निशाना
टिकैत ने आरोप लगाया कि कंगना लगातार किसानों को निशाना बना रही हैं और उन्होंने दिसंबर 2020 में महिलाओं पर धरने के दौरान पैसे लेकर बैठने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा कि यह वही ग्रामीण महिलाएं हैं, जो देश की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, खासकर दुग्ध उत्पादन में।

किसानों का अपमान कब तक?
 उन्होंने पत्र में उल्लेख किया कि फरवरी 2021 में किसानों को आतंकवादी बताने वाले बयान का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि ये वही किसान हैं, जिन्होंने कोरोना महामारी के दौरान देश की जीडीपी में योगदान दिया और यह सुनिश्चित किया कि कोई भी भूखा न रहे। 24 सितंबर को कंगना ने फिर से विवादास्पद बयान दिया कि तीनों कृषि कानूनों को पुनः लागू किया जाना चाहिए। टिकैत ने कहा कि इस बयान ने उन किसानों का अपमान किया है, जो 13 महीने तक दिल्ली के बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे थे और जिन्होंने इस लड़ाई में अपने प्राणों की आहुति दी। 



टिकैत ने JP नड्डा से पूछे सवाल
टिकैत ने JP नड्डा से यह भी पूछा कि कब तक किसान इस तरह के अपमान को सहन करते रहेंगे। उनका यह पत्र किसानों की समस्याओं और उनके प्रति हो रहे अपमान के खिलाफ एक मजबूत आवाज उठाने का प्रयास है। किसानों के लिए यह मुद्दा अत्यंत संवेदनशील है, और टिकैत का यह कदम स्पष्ट करता है कि वे अपने हक के लिए लड़ाई जारी रखेंगे। इस पत्र के माध्यम से राकेश टिकैत ने कंगना की टिप्पणियों को गंभीरता से लेते हुए एक व्यापक चर्चा की आवश्यकता को भी उजागर किया है, ताकि किसानों के मुद्दों को सही ढंग से समझा जा सके।

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