चंदन के परिवार को एक साल तक मिली थी सुरक्षा : केस खत्म करने की मिलती थी धमकियां, लंबे समय बाद खत्म हुआ इंतजार

UPT | चंदन गुप्ता

Jan 03, 2025 17:04

कासगंज के चंदन गुप्ता हत्याकांड में सभी 28 दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। सात साल के लंबे कानूनी संघर्ष के बाद यह फैसला आया है...

Lucknow News : कासगंज के चंदन गुप्ता हत्याकांड में सभी 28 दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। सात साल के लंबे कानूनी संघर्ष के बाद यह फैसला आया है। यह मामला 26 जनवरी 2018 का है, जब कासगंज में तिरंगा यात्रा के दौरान चंदन गुप्ता की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। घटना के बाद चंदन के परिवार ने न्याय के लिए लगातार कानूनी लड़ाई लड़ी। आखिरकार, अदालत ने सभी दोषियों को दोषी ठहराते हुए उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इस फैसले से पीड़ित परिवार को न्याय मिला है।

'मेरे परिवार को एक साल तक मिली सुरक्षा'
चंदन गुप्ता के पिता सुशील गुप्ता ने एक समाचार पोर्टल से बातचीत में बताया था कि चंदन की हत्या के बाद करीब एक साल तक मेरे परिवार को पुलिस सुरक्षा प्रदान की गई थी, लेकिन बाद में यह सुरक्षा हटा ली गई। मेरा बड़ा बेटा विवेक गुप्ता इस मामले में गवाह है। पहले वह मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव की नौकरी करता था, लेकिन लगातार मिल रही धमकियों के डर से हमने उसे नौकरी छोड़ने के लिए मजबूर कर दिया। अब परिवार का पूरा खर्च अकेले मेरे ऊपर है। मैं एक प्राइवेट अस्पताल में कम्पाउंडर के तौर पर काम करता हूँ। इसके साथ ही मुझे अपनी बेटी की शादी की जिम्मेदारी भी निभानी है।

'दबाव बनाने की कोशिश करते थे'
पिता ने बताया कासगंज कोर्ट में सुनवाई के दौरान हमारी ओर से 3-4 लोग ही मौजूद होते थे, जबकि आरोपियों की तरफ से 100-200 लोग इकट्ठा हो जाते थे। वे दबाव बनाने की कोशिश करते थे, जिससे हमें लगातार डर बना रहता था। इसी वजह से हमने अपने खर्चे पर हाई कोर्ट में केस दायर किया और मुकदमा लखनऊ ट्रांसफर करवाया। अब हम बिना किसी सुरक्षा के लखनऊ जाकर पैरवी करते हैं। हर बार यह डर रहता है कि कहीं रास्ते में कुछ अनहोनी न हो जाए। लेकिन न्याय पाने के लिए हमने यह जोखिम उठाना जारी रखा है।

चंदन गुप्ता हत्याकांड में कौन-कौन दोषी?
चंदन गुप्ता हत्याकांड में दोषी करार दिए गए लोगों में कई नाम शामिल हैं। मुख्य आरोपियों में वसीम, नसीम, जाहिद उर्फ जग्गा, बबलू, अकरम, तौफीक, मोहसिन, राहत, सलमान, आसिफ, निशु उर्फ जीशान, खिल्लन, वासिफ, इमरान, शमशाद, जफर, शाकिर, खालिद, फैजान, इमरान, शाकिर, आसिफ कुरैशी उर्फ हिटलर, असलम कुरैशी, शवाब, साकिब और आमिर रफी शामिल हैं। इन सभी को पुलिस ने गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। हालांकि, मामले की सुनवाई के दौरान एनआईए कोर्ट ने आरोपी नसरुद्दीन और असीम कुरैशी को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया। चंदन गुप्ता के पिता सुशील गुप्ता ने इस मामले में दोषियों को सजा दिलाने के लिए लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी।

कासगंज में 26 जनवरी को क्या हुआ था?
26 जनवरी 2018 को कासगंज में गणतंत्र दिवस के अवसर पर तिरंगा यात्रा के दौरान हिंसा की घटना सामने आई। अभिषेक गुप्ता उर्फ चंदन गुप्ता अपने भाई विवेक गुप्ता और अन्य साथियों के साथ बाइक पर तिरंगा लेकर भारत माता की जय और वंदे मातरम के नारे लगाते हुए यात्रा का नेतृत्व कर रहे थे। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जब यात्रा तहसील रोड से राजकीय बालिका इंटर कॉलेज के पास पहुंची, तो हथियारों से लैस सलीम, वसीम, नसीम और उनके सहयोगियों ने यात्रा को रोक लिया। आरोप है कि उन्होंने युवकों के हाथों से तिरंगा छीनकर जमीन पर फेंक दिया और हथियार दिखाकर धमकियां दीं। इसके साथ ही पाकिस्तान जिंदाबाद और हिंदुस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाए। बताया जाता है कि आरोपियों ने युवकों से कहा कि अगर उन्हें वहां से गुजरना है तो पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाना होगा। अभिषेक उर्फ चंदन गुप्ता ने इसका विरोध किया, जिसके बाद आरोपियों ने पथराव शुरू कर दिया।

चंदन गुप्ता को कैसे मारा?
जुलूस के दौरान फायरिंग भी हुई, जिसमें मुख्य आरोपी सलीम ने चंदन गुप्ता पर गोली चलाई। गोली लगने के बाद चंदन गंभीर रूप से घायल हो गया। घटना के बाद चंदन का भाई विवेक और अन्य साथी उसे तुरंत कासगंज थाना लेकर पहुंचे। वहां से उसे फौरन जिला अस्पताल भेजा गया, लेकिन गंभीर चोट के कारण चंदन की मौत हो गई।

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