अधिकारियों की मिलीभगत का पर्दाफाश होने के बाद यह मामला मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक पहुंचा। इसके बाद प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग में हड़कंप मच गया। इस पूरी घटना ने बोर्ड के अधिकारियों के कामकाज को संदेह के घेरे में ला दिया है।