UPPCL : तीन लाख स्मार्ट प्रीपेड मीटर में महज 1100 चेक मीटर, ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल के आदेश का लखनऊ में खुला उल्लंघन

UPT | लखनऊ में चेक मीटर की हकीकत का जायजा लेते उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा

Nov 15, 2024 18:09

संगठन के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा अपनी टीम के साथ शुक्रवार को लखनऊ के इंद्रलोक कॉलोनी और न्यू इंद्रपुरी कॉलोनी में लगाए गए स्मार्ट प्रीपेड मीटर की धरातल पर हकीकत परखने गए। उन्होंने मौके पर जाकर उपभोक्ताओं से बातचीत की और पाया कि यहां स्मार्ट प्रीपेड मीटर के साथ कहीं भी पुराने मीटर को चेक मीटर के रूप में नहीं लगाया गया है।

Lucknow News : केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने अपने यूपी दौरे के दौरान स्मार्ट प्रीपेड मीटर की कार्यप्रणाली पर गंभीर चर्चा की और इसके अनिवार्य प्रयोग को लेकर कड़े निर्देश दिए। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि हर हालत में 5 प्रतिशत मीटर चेक मीटर के रूप में लगाना अनिवार्य है। साथ ही, यदि आवश्यक हुआ तो इस सीमा को बढ़ाया भी जा सकता है। उनका यह बयान उपभोक्ताओं की विश्वसनीयता और मीटरिंग प्रणाली में सुधार के उद्देश्य से था। उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने केंद्रीय मंत्री के इस निर्देश का स्वागत किया है। संगठन काफी समय से इस मांग को उठा रहा है और चेक मीटर नहीं लगाए जाने को लेकर पावर कारपोरेशन के आलाधिकारियों से मिलकर अपना विरोध भी दर्ज करा चुका है। 

राजधानी में ही नहीं हो पर रहा नियमों का पालन
उपभोक्ता परिषद ने पहले ही ऊर्जा मंत्री को पत्र लिखकर चेक मीटर की सीमा बढ़ाने की मांग की थी। ऊर्जा मंत्री ने कहा कि पहले सरकारी विभागों, सरकारी कॉलोनियों फिर सरकारी कर्मचारियों और बड़े उपभोक्ताओं के के वहां स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जाएंगे। बाद में छोटे उपभोक्ताओं की बारी आएगी। हालांकि, राजधानी लखनऊ के कुछ इलाकों में इस प्रक्रिया का पालन नहीं हो रहा है। स्मार्ट प्रीपेड मीटर के लिए सिर्फ छोटे उपभोक्ताओं को ही निशाना बनाया जा रहा है। वहीं सरकारी कॉलोनियों में बिना चेक मीटर के स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जा रहे हैं। उपभोक्ता परिषद ने इसे निर्देशों का उल्लंघन बताया है।



स्मार्ट प्रीपेड मीटर की गुणवत्ता खराब
संगठन ने कहा है कि जिस कंपनी के स्मार्ट प्रीपेड मीटर में कमियां निकल चुकी हैं और अधिकारियों को इसकी पूरी जानकारी है। यूपीपीसीएल की तकनीकी जांच में भी इनकी गुणवत्ता दोयम दर्जे की पाई जा चुकी है। इसके बाद भी उसी कंपनी के मीटर लगाने का काम जारी है। ऐसे में क्या इन कमियों पर पावर कारपोरेशन श्वेत पत्र जारी करेगा।

धरातल पर नजर नहीं आ रहे चेक मीटर
संगठन के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा अपनी टीम के साथ शुक्रवार को लखनऊ के इंद्रलोक कॉलोनी और न्यू इंद्रपुरी कॉलोनी में लगाए गए स्मार्ट प्रीपेड मीटर की धरातल पर हकीकत परखने गए। उन्होंने मौके पर जाकर उपभोक्ताओं से बातचीत की और पाया कि यहां स्मार्ट प्रीपेड मीटर के साथ कहीं भी पुराने मीटर को चेक मीटर के रूप में नहीं लगाया गया है। उपभोक्ताओं ने शिकायत की कि मीटर लगाए जाने से पहले उनसे कोई परामर्श नहीं लिया गया। कई उपभोक्ताओं ने यह भी बताया कि मीटर बिना किसी सूचना के उनके घरों में लगाए गए थे।

उपभोक्ताओं की नहीं हो रही सुनवाई
उपभोक्ता सुशीला पति श्रीराम प्रसाद ने बताया कि वह लखनऊ से बाहर मुंबई में थे और उनके घर में बिना किसी की उपस्थिति में ही स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगा दिया गया। पड़ोसी ने उन्हें सूचना दी। एक अन्य उपभोक्ता जितेंद्र कुमार ने कहा उन्हें सीधा कहा गया कि पुराना मीटर उतरेगा और नया मीटर लगेगा। चेक मीटर की बात तो करिए नहीं। वहीं एक दूसरे उपभोक्ता रामकृष्ण के यहां स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाया गया। लेकिन, केवल आधी अधूरी तरीके से, वहां भी चेक मीटर नहीं लगाया गया। उपभोक्ता परिषद की टीम को कहीं भी मौके पर चेक मीटर स्थापित नहीं मिले।

प्रीपेड के बजाय पोस्टपेड मोड में लगाए गए चार लाख स्मार्ट मीटर
अवधेश वर्मा ने कहा कि प्रदेश में लगभग तीन लाख स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जा चुके हैं।  ये सभी पोस्टपेड मोड में हैं, जबकि आदेश  प्रीपेड मोड में लगाए जाने का है। यह स्थिति सरकार के निर्देशों के विपरीत है। बीती 8 नवंबर तक सभी बिजली कंपनियों में मात्र 1100 स्मार्ट प्रीपेड मीटर पर पुराने मीटर को चेक मीटर के रूप में स्थापित किया गया है। ये भी यूपीपीसीएल के अफसरों का दिया आंकड़ा है। धरातल पर हकीकत सिर्फ उपभोक्ता ही जानते हैं, जिनकी कहीं सुनवाई नहीं हो रही है।

मध्यांचल प्रबंधन को दी जानकारी
उपभोक्ता परिषद ने धरातल की सच्चाई को तत्काल मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड प्रबंधन को अवगत कराया और कहा कि धरातल पर कहीं चेक मीटर नहीं दिखाई दे रहे हैं। स्मार्ट प्रीपेड मीटर निर्माता कंपनियां केवल बिजली निगम के अधिकारियों को दिखाने के लिए कुछ संख्या में चेक मीटर लगाने की जानकारी दे रही हैं। नियमों के मुताबिक हर हाल में 5 प्रतिशत चेक मीटर लगाना अनिवार्य है।

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