Digital Arrest : जेट एयरवेज के नरेश गोयल से कनेक्शन के नाम पर NRI बहनों से दो करोड़ का फ्रॉड, सेवानिवृत्त बैंक अफसर भी फंसे

UPT | Digital Arrest

Dec 06, 2024 11:53

इंदिरानगर निवासी 70 वर्षीय सुमन कक्कड़ और उनकी बहन विनय थपलियाल में कनाडा की नागरिक हैं। उन्हें साइबर अपराधियों ने डिजिटल अरेस्ट कर 1.87 करोड़ रुपये ठग लिए। अपराधियों ने खुद को मुंबई क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताते हुए दोनों बहनों को जेट एयरवेज के फाउंडर नरेश गोयल के मनी लॉन्ड्रिंग केस में फंसाने की धमकी दी।

Lucknow News : राजधानी में साइबर अपराधियों ने जेट एयरलाइंस के फाउंडर नरेश गोयल के नाम पर 'डिजिटल अरेस्ट' कर ठगी की घटना को अंजाम दिया। इस मामले में दो एनआरआई बहनों से करीब दो करोड़ और एक सेवानिवृत्त बैंक अधिकारी से एक करोड़ मिलाकर कुल मिलाकर तीन करोड़ रुपये की ठगी की गई। इन घटनाओं से साफ हो गया कि डिजिटल अरेस्टिंग को लेकर पुलिस के लोगों को लगातार जागरूक करने के बावजूद अभी भी सभी तक ये बात नहीं पहुंची है, जिसका साइबर अपराधी धड़ल्ले से फायदा उठा रहे हैं।

एनआरआई बहनों को बनाया गया निशाना
इंदिरानगर निवासी 70 वर्षीय सुमन कक्कड़ और उनकी बहन विनय थपलियाल में कनाडा की नागरिक हैं। उन्हें साइबर अपराधियों ने डिजिटल अरेस्ट कर 1.87 करोड़ रुपये ठग लिए। अपराधियों ने खुद को मुंबई क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताते हुए दोनों बहनों को जेट एयरवेज के फाउंडर नरेश गोयल के मनी लॉन्ड्रिंग केस में फंसाने की धमकी दी। फोन करने वाले ने बताया कि वह मुंबई क्राइम ब्रांच से अभिषेक चौहान बोल रहा है और उनके क्रेडिट कार्ड से 1.13 लाख रुपये जेट एयरलाइंस के मालिक नरेश गोयल के खाते में ट्रांसफर हुए हैं। नरेश गोयल के खिलाफ मनी लांड्रिंग केस में जांच चल रही है। उसने बहनों को डराते हुए कहा गया कि उनके क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों में हुआ है और उन्हें उम्रकैद की सजा हो सकती है।



कैसे हुआ ठगी का पूरा खेल
सुमन कक्कड़ के व्हाट्सऐप पर एक वीडियो कॉल के जरिए संपर्क किया गया। अपराधी ने जांच के नाम पर उनकी बैंक डिटेल्स मांगी और एफडी तुड़वाकर पैसे ट्रांसफर करवा लिए। बहनों को यह भरोसा दिलाया गया कि जांच पूरी होने के बाद रुपये वापस कर दिए जाएंगे। जालसाजों ने 10 से अधिक बैंक खातों में पैसे ट्रांसफर करवाए।

सेवानिवृत्त बैंक अधिकारी भी फंसे ठगी के जाल में
एक अन्य माममले में ऐशबाग निवासी सेवानिवृत्त बैंक अफसर प्रभात कुमार श्रीवास्तव भी ठगी का शिकार हो गए। अपराधियों ने उन्हें सीबीआई अफसर बनकर फोन किया और मनी लॉन्ड्रिंग केस में उनका आधार कार्ड इस्तेमाल होने की बात कही। तीन दिन तक उन्हें डिजिटल अरेस्ट रखा गया और 1.02 करोड़ रुपये ठग लिए।

25 लाख रुपये फ्रीज, अपराधियों की तलाश जारी
साइबर थाने के इंस्पेक्टर ब्रजेश कुमार यादव के अनुसार, सुमन कक्कड़ और उनकी बहन विनय थपलियाल के मामले में ट्रांसफर की गई कुल रकम में से 25 लाख रुपये को फ्रीज कर दिया गया है। अपराधियों ने रुपये चार अलग-अलग राज्यों के खातों में ट्रांसफर किए। अब मोबाइल नंबर और बैंक डिटेल्स के आधार पर आरोपियों का पता लगाया जा रहा है। पुलिस का दावा है कि जल्द ही उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा।

साइबर अपराधों के बढ़ते खतरे
ये घटनाएं दिखाती हैं कि साइबर अपराधी नए-नए तरीके अपनाकर लोगों को ठग रहे हैं। खासकर बुजुर्ग और अकेले रहने वाले लोग आसानी से उनके जाल में फंस जाते हैं। पुलिस ने आम जनता से अपील की है कि किसी भी अनजान कॉल पर अपनी व्यक्तिगत या वित्तीय जानकारी साझा न करें। बैंक डिटेल्स, आधार कार्ड या एफडी की जानकारी केवल आधिकारिक प्लेटफॉर्म पर ही दें। यदि ऐसा कोई कॉल आए तो तुरंत पुलिस या साइबर क्राइम विभाग को सूचित करें। साइबर फ्रॉड के मामलों में सतर्क रहें और अपने परिवार के बुजुर्गों को भी इसके प्रति जागरूक करें।

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