ईडी के शिकंजे में शेखर अस्पताल के मालिक : पत्नी ने लगाया था नकली दवाओं की बिक्री का आरोप

UPT | ईडी के शिकंजे में शेखर अस्पताल के मालिक

May 09, 2024 21:20

किंग जॉर्ज यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और शेखर अस्पताल के मालिक डॉ. आमोद कुमार सचान पर ईडी ने शिकंजा कस लिया है। उनके विरुद्ध लगे आरोपों का ईडी ने स्वत: संज्ञान लिया है।

Short Highlights
  • डॉ. सचान पर ईडी का शिकंजा
  • शेखर अस्पताल के मालिक हैं सचान
  • पत्नी ने दर्ज कराई थी एफआईआर
Lucknow News : लखनऊ की प्रसिद्ध किंग जॉर्ज यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और शेखर अस्पताल के मालिक डॉ. आमोद कुमार सचान पर ईडी ने शिकंजा कस लिया है। उनके विरुद्ध लगे आरोपों का ईडी ने स्वत: संज्ञान लिया है। ईडी ने अपनी जांच रिपोर्ट चिकित्सा शिक्षा विभाग और केजीएमयू प्रशासन के साथ-साथ सीबीआई को भेजी है। एजेंसी ने इस जांच रिपोर्ट के आधार पर आमोद सचान के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की है।

ईडी की जांच रिपोर्ट में क्या?
ईडी ने अपनी जांच रिपोर्ट में यह पाया है कि आमोद सतान आय के घोषित स्रोतों से अधिक संपत्ति रखने के कारण भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम-1988 की धारा 13 के तहत दोषी हैं। उन्हें आईपीसी 1860 की धारा 168 का उल्लंघन करने का भी दोषी पाया गया है। केजीएमयू अधिनियम 2002 की धारा 37 (3) में निजी प्रैक्टिस पर प्रतिबंध है। लेकिन सचान सरकारी डॉक्टर होने के बावजूद गैरकानूनी तरीके से निजी चिकित्सा प्रैक्टिस में लिप्त हैं। ईडी ने इसके लिए भी सचान को आपराधिक कदाचार का दोषी माना है।

पत्नी ने लगाए थे गंभीर आरोप
डॉ. सचान की पत्नी ऋचा मिश्रा ने 3 मई को लखनऊ के एक थान में अपने ही पति के खिलाफ केस दर्ज कराया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि डॉ. सचान अपने साथियों के साथ मिलकर नकली दवाओं का धंधा करते हैं और विरोध करने पर मुझे जान से मारने की धमकी देते हैं। ऋचा मिश्रा ने अपने पति पर मारपीट का भी आरोप लगाया था।

आयकर विभाग ने जब्त किए थे करोड़ों
साल 2013 में आयकर विभाग ने डॉ. सचान के घर और कार्यालय पर छापा मारकर 1.76 करोड़ रुपये नगद जब्त किए थे। इसके बाद दोनों पति-पत्नी ने अघोषित आय के रूप में 8 करोड़ रुपये सरेंडर किए थे। डॉ. सचान की करतूतों के खिलाफ हाईकोर्ट ने भी पिछले साल फरवरी में केजीएमयू और राज्य सरकार को सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया था। लेकिन ईडी ने अपनी रिपोर्ट में लिेखा है कि आदेश दिए जाने के एक वर्ष बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई।

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