यूपी में मजाक बनी फ्री बिजली योजना : बिल में गड़बड़ी-काल्पनिक बकाया बना बाधा, शक्ति भवन में धूल खा रही बिलिंग में संशोधन की फाइल

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Nov 16, 2024 18:04

उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष और राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने बताया कि जब उन्होंने इस समस्या की सच्चाई जानने के प्रयास किया, तो पता चला कि पावर कारपोरेशन के शक्ति भवन में किसानों के 31 मार्च 2023 तक के गलत बिलों और काल्पनिक बकायों को ठीक करने के लिए पत्रावलियां चल रही हैं। लेकिन छह महीने से इन पर कोई निर्णय नहीं हुआ है।

Lucknow News : प्रदेश में लगभग 15.72 लाख किसानों में से केवल 8 लाख किसानों ने ही फ्री बिजली योजना के तहत पंजीकरण कराया है। यह आंकड़ा स्पष्ट तौर पर जाहिर करता है कि लगभग 50 प्रतिशत किसान अभी भी इस योजना का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं। शनिवार को उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने वेबिनार में इसे लेकर किसानों से चर्चा की। इस दौरान फर्रुखाबाद, फिरोजाबाद, अलीगढ़, गाजीपुर, हाथरस, बलिया, प्रतापगढ़, और लखनऊ सहित अन्य जनपदों के किसानों ने योजना की खामियों को उजागर किया और अपनी परेशानियां साझा की। किसानों का सिस्टम के प्रति आक्रोश भी नजर आया। 

काल्पनिक बकाया और गलत बिलिंग की समस्या
किसानों ने बताया कि कई जिलों में उनके ऊपर काल्पनिक और गलत बकाया दिखाया जा रहा है। इस कारण वे बिजली विभाग के चक्कर काटने को मजबूर हैं। बिजली दफ्तर के अधिशासी अभियंता इन गलतियों को सुधारने के लिए पावर कारपोरेशन के आईटी विभाग को पत्र लिख रहे हैं। लेकिन, इसका समाधान नहीं हो पा रहा है। किसानों ने कहा कि जब तक इन गलतियों को सही नहीं किया जाएगा, तब तक उन पर फर्जी बकाया दिखता रहेगा, जिससे वे फ्री बिजली योजना में पंजीकरण नहीं कर सकते।



किसानों की व्यथा पर अधिकारी नहीं कर रहे सुनवाई
फिरोजाबाद के किसान हरेंद्र कुमार ने इस संबंध में एक पत्र साझा किया जो अधिशासी अभियंता ने शक्ति भवन लखनऊ को भेजा था। इसमें लिखा गया था कि किसान रघुवीर सिंह पर 92,994 रुपये और धरमूर सिंह पर 67,903 रुपये का काल्पनिक बकाया दिखाया गया है। इन गलत बकायों के कारण ये किसान फ्री बिजली योजना का लाभ नहीं ले पा रहे हैं। इसलिए इसे सही किया जाए। इसी तरह अन्य किसानों फहद अहमद, मोहम्मद शकील, ब्रह्मदत्त शर्मा, विनय चौबे और अनुराग माही ने भी ओवर बिलिंग और ओवर एस्टीमेट की समस्याओं की शिकायत की। उन्होंने कहा कि वास्तव में किसानों व आम जनता की कोई सुनने वाला नहीं है।

शक्ति भवन में फाइलों में कैद हैं मामले, नहीं किए जा रहे फैसले
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष और राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने बताया कि जब उन्होंने इस समस्या की सच्चाई जानने के प्रयास किया, तो पता चला कि पावर कारपोरेशन के शक्ति भवन में किसानों के 31 मार्च 2023 तक के गलत बिलों और काल्पनिक बकायों को ठीक करने के लिए पत्रावलियां चल रही हैं। लेकिन छह महीने से इन पर कोई निर्णय नहीं हुआ है।

योजना की असफलता गंभीर चिंता का विषय
अवधेश वर्मा ने कहा कि यह एक गंभीर मामला है। यदि किसानों को फ्री बिजली योजना का लाभ बिजली विभाग की गलतियों के कारण नहीं मिल पा रहा है, तो यह एक बड़ी विफलता है। उन्होंने कहा कि उपभोक्ता परिषद ने पहली बार इस तरह का पत्र देखा है जिसमें किसानों पर काल्पनिक बकाया दिखाया गया है। उन्होंने पूरे प्रदेश में इस मामले की जांच की मांग की है।

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