यूपी डिजाइन-शोध संस्थान भवन का लोकार्पण : राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने गरीब महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने पर दिया जोर

UPT | राज्यपाल आनंदीबेन पटेल।

Jan 06, 2025 20:40

उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने सोमवार को उत्तर प्रदेश डिजाइन एवं शोध संस्थान के नवनिर्मित भवन का लोकार्पण किया।

Lucknow News : उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने सोमवार को कला एवं शोध को समर्पित उत्तर प्रदेश डिजाइन एवं शोध संस्थान के नवनिर्मित भवन का लोकार्पण किया। इस मौके पर उन्होंने संस्थान द्वारा कला, डिजाइन और शोध के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों की सराहना की। इसे प्रदेश के कारीगरों, बुनकरों और हस्तशिल्पियों के लिए महत्वपूर्ण बताया।

शिक्षकों-शोधार्थियों के लिए उत्कृष्ट संकलन उपलब्ध
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि संस्थान के म्यूजियम और पुस्तकालय में कला प्रेमियों, शिक्षकों और शोधार्थियों के लिए उत्कृष्ट संकलन उपलब्ध है। जिसका लाभ केवल संस्थान से जुड़े प्रशिक्षणार्थी ही नहीं, बल्कि अन्य शैक्षणिक संस्थानों के छात्र-छात्राएं भी ले सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस संग्रहालय और पुस्तकालय का अधिक प्रचार-प्रसार किया जाना चाहिए। राज्यपाल ने कहा कि संस्थान द्वारा कारीगरों और बुनकरों को उन्नत तकनीकी और कौशल का प्रशिक्षण देकर उनके उत्पादों में आधुनिकता और पारंपरिकता का समन्वय किया जा रहा है। इससे उनके उत्पादों की बाजार में मांग बढ़ रही है और उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो रहा है।

 

75 हजार कारीगरों को प्रशिक्षण
राज्यपाल ने बताया कि संस्थान ने ‘एक जिला-एक उत्पाद’, ‘विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना’ और अन्य सरकारी योजनाओं के अंतर्गत अब तक 35 जिलों के लगभग 75 हजार से अधिक कारीगरों और बुनकरों को प्रशिक्षित किया है। उन्होंने निर्देश दिया कि संस्थान निर्धन और जरूरतमंद महिलाओं के लिए विशेष बैच चलाकर उन्हें कार्यात्मक प्रशिक्षण प्रदान करें। जिससे वे आत्मनिर्भर बन सकें। उन्होंने कहा कि यह प्रयास समाज के लिए बहुत बड़ा योगदान होगा।

हाथों से बनी वस्तुएं अमूल्य
इस दौरान राज्यपाल ने क्राफ्टरूट्स संस्था द्वारा हस्तशिल्प कलाओं को वैश्विक बाजार तक पहुंचाने और टेक्निकल सपोर्ट के लिए आईआईटी, कानपुर के साथ किए गए समझौते की सराहना की। उन्होंने कहा कि देश के 22 से अधिक राज्यों की लगभग 70 से अधिक हस्तकलाओं और कारीगरों के उन्नयन के लिए संस्था कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग द्वारा स्टार्टअप्स को बढ़ावा देकर युवाओं को रोजगार प्रदाता के रूप में तैयार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हाथों से बनी वस्तुएं अमूल्य होती हैं और इन कारीगरों का सम्मान होना चाहिए, क्योंकि वे हमारी सांस्कृतिक विरासत को सहेजने का कार्य कर रहे हैं।

नियमों में लचीलापन लाएं विश्वविद्यालय
राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालयों को अपने नियमों में लचीलापन लाना चाहिए, विशेष रूप से कला विश्वविद्यालयों को। उन्होंने सुझाव दिया कि ऐसी महिलाएं या पुरुष, जो अनपढ़ हैं लेकिन जिनमें उत्कृष्ट कौशल है, को नामांकन का अवसर मिलना चाहिए। साथ ही, उन्हें घर से ही काम करने और अपने कौशल को आगे बढ़ाने की सुविधाएं दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें अपनी मानसिकता बदलनी होगी, तभी देश बदलेगा। इसी के साथ उन्होंने यह भी कहा कि कारीगरों और बुनकरों से संवाद करना और उनके अनुभवों से सीखना आवश्यक है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि हस्तशिल्प के उत्पादों की कीमत उनके निर्माण में लगने वाले समय और मेहनत के आधार पर तय की जानी चाहिए।

कारीगरों और बुनकरों का सम्मान जरूरी
कार्यक्रम में राज्यपाल ने उच्चतम अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को प्रशस्ति-पत्र देकर सम्मानित किया और उनके कार्यों की प्रशंसा करते हुए उन्हें प्रोत्साहित किया। उन्होंने बच्चों को बेहतर भविष्य के लिए प्रेरित किया और उनके प्रयासों की सराहना की। उन्होंने विभिन्न कारीगरों द्वारा लगाए गए स्टालों का भ्रमण किया और उनके अद्वितीय कौशल और कलाकृतियों की भूरि-भूरि प्रशंसा की।

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