UPPCL : बिजली कंपनियों के 21082 फीडर पर सिंगल सिम स्मार्ट मीटर लगाने का खुलासा, 27 हजार करोड़ के मामले में CBI जांच की मांग

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Jan 07, 2025 18:53

उपभोक्ता परिषद ने कहा कि उत्तर प्रदेश के मामले में केंद्र सरकार को तत्काल स्मार्ट प्रीपेड मीटर की पूरी परियोजना की सीबीआई जांच करने का आदेश पारित करना चाहिए। जिस प्रकार से बिना टेस्टेड मीटर उपभोक्ताओं के परिसर पर लगाए जा रहे हैं और अब बड़ा खुलासा हुआ है कि फीडर पर सिंगल सिम वाले मीटर लगा दिए गए, यह सब बड़ा गोलमाल है।

Lucknow News : प्रदेश में स्मार्ट प्रीपेड मीटर की घटिया गुणवत्ता और भारत सरकार की गाइडलाइन का पालन नहीं करने को लेकर उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड (UPPCL) जहां सवालों के घेरे में है। वहीं अब लगभग 27000 करोड़ की लागत से लगने वाले इन स्मार्ट प्रीपेड मीटर के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। प्रदेश में जीएमआर, इंटेली-स्मार्ट, पोलारिस, जीनस प्राइवेट कंपनी स्मार्ट मीटर लगाने का काम कर रही हैं। इन्हें सबसे पहले पूरे प्रदेश में सभी बिजली कंपनियों में जो 27395 फीडर हैं, उस पर भारत सरकार की बनाई गई गाइडलाइन रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (आरएफपी) के तहत डबल सिम कार्ड वाला स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जाने का सख्त प्रावधान किया गया था। लेकिन, बिजली कंपनियों में जो 21082 स्मार्ट प्रीपेड मीटर फीडर पर लगाए गए हैं, वह केवल सिंगल सिम वाले हैं।

सिंगल सिम मीटर होने से डाटा रिकॉर्ड होने में दिक्कत
भारत सरकार का मानना है कि वर्तमान में जो फीडर हैं, उस पर कब बिजली काटी कब बिजली आई, उसी के आधार पर औसत विद्युत आपूर्ति का आकलन किया जाता है। ऐसे में अगर एक कंपनी के सिम का नेटवर्क यदि नहीं काम करेगा तो दूसरा सिम होने से दिक्कत नहीं होगी। डबल सिम होने से ऑटो स्विच के आधार पर दूसरे सिम से लगातार डाटा प्राप्त हो जाएगा, जिससे सही आकलन होगा कि कौन सा फीडर कब बंद हुआ कब चालू हुआ। इसके बाद भी बिजली कंपनियों ने इतने बड़े खेल को अंजाम दे दिया और कंपनियों के प्रबंध निदेशक चुप्पी साधकर सोते रहे। हैरानी वाली बात है कि उपभोक्ता परिषद ने कई महीने पहले ही ये मुद्दा उठाते हुए कहा था कि जो बिजली कंपनियों में जीटीपी को मंजूरी मिल गई है और इसमें बड़ा खेल हुआ है और सिंगल सिम वाले फीडर मीटर लगाने की तैयारी है। इसके बाद भी अधिकारियों ने कोई कदम नहीं उठाया।



डिस्कॉम                   स्थापित फीडर    सिंगल सिम वाले मीटर
पूर्वांचल                        5187                4596
मध्यांचल                      4655                  745
पक्षिमांचल                    9996                9349
दक्षिणांचल केस्को          7557                5392
कुल                          27395               21082
 
पावर कारपोरेशन के निदेशक कमर्शियल से कार्रवाई की मांग
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने मंगलवार को इस मामले पर पावर कारपोरेशन के निदेशक कमर्शियल निधि कुमार नारंग से बात की। उन्होंने पूरे प्रकरण पर सख्त कार्रवाई की मांग की। वहीं भारत सरकार की तरफ से उत्तर प्रदेश में कार्यरत रुरल इलेक्ट्रिफिकेशन कॉरपोरेशन लिमिटेड रीजनल ऑफिस लखनऊ को भी इसकी सूचना दे दी गई है। उपभोक्ता परिषद ने कहा है कि प्रदेश में भारत सरकार की गाइडलाइन का खुला उल्लंघन हो रहा है और जो भी मॉनिटरिंग करने वाले लोग हैं, वह चुप्पी साधे हुए हैं, जो बेहद गंभीर मामला है।

परियोजना फेल साबित करने में जुटे अफसर
उपभोक्ता परिषद ने कहा कि उत्तर प्रदेश के मामले में केंद्र सरकार को तत्काल स्मार्ट प्रीपेड मीटर की पूरी परियोजना की सीबीआई जांच करने का आदेश पारित करना चाहिए। जिस प्रकार से बिना टेस्टेड मीटर उपभोक्ताओं के परिसर पर लगाए जा रहे हैं और अब बड़ा खुलासा हुआ है कि फीडर पर सिंगल सिम वाले मीटर लगा दिए गए, यह सब बड़ा गोलमाल है। भारत सरकार के कुछ उच्चाधिकारी इस पूरी परियोजना को फेल करने पर तुले हैं। पहले जल्दबाजी में परियोजना को चालू कर दिया गया और अब गो लाइव करने का काम किया जा रहा है। अवधेश वर्मा ने कहा कि जिस प्रकार से उत्तर प्रदेश में स्मार्ट प्रीपेड मीटर के मामले में उद्योगपतियों के साथ उदारता बरती जा रही है, वह बहुत गंभीर मामला है। इस पूरे मामले की सीबीआई जांच होनी जरूरी है अन्यथा आने वाले समय में इसका खामियाजा प्रदेश की जनता उठाने पर मजबूर होगी।
 

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