Hardoi News : लिव-इन रिलेशनशिप में रह रहे युवक-युवती का हंगामा, पुलिस पर मारपीट और रिश्वत मांगने के गंभीर आरोप

UPT | घटना के समय का दृश्य

Oct 18, 2024 11:39

उत्तर प्रदेश के हरदोई में लिव इन रिलेशनशिप में रह रहे युवक और युवती के बीच अपने घर के बाहर नोकझोंक हो गई। इस दौरान रात्रि गश्त को निकली पुलिस की नजर दोनों पर पड़ पड़ गई।

Hardoi News : उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में लिव-इन रिलेशनशिप में रह रहे युवक-युवती के बीच घर के बाहर नोकझोंक का मामला सामने आया, जिसके बाद पुलिस ने हस्तक्षेप कर युवक को हिरासत में ले लिया। घटना के दौरान पुलिस पर 20 हजार रुपये की रिश्वत मांगने और युवक के साथ मारपीट करने के गंभीर आरोप लगाए गए हैं। यह मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है, खासकर तब, जब इस घटना का वीडियो सामने आया है।

रिश्वत मांगने और मारपीट के आरोप
मामला शहर कोतवाली क्षेत्र के मंगली पुरवा मोहल्ले का है, जहां नोएडा के रहने वाले अशोक दीपन और हरदोई की शहनाज लिव-इन रिलेशनशिप में रह रहे थे। दोनों एक आईटी कंपनी में काम करते थे और पांच महीने पहले हरदोई आकर साथ रहने लगे। बताया जा रहा है कि बीती रात उनके घर के बाहर किसी बात को लेकर नोकझोंक हो रही थी। इस दौरान पुलिस की रात्रि गश्त में तैनात कर्मियों की नजर उन पर पड़ी और उन्होंने हस्तक्षेप किया। आरोप है कि पुलिसकर्मियों ने अशोक को जबरन पकड़कर मारपीट की और उसे रेलवेगंज पुलिस चौकी ले आए। अशोक और शहनाज का दावा है कि उनकी सगाई हो चुकी है और दो महीने बाद उनकी शादी होने वाली है। इस दौरान पुलिस ने अशोक को छोड़ने के बदले 20 हजार रुपये की रिश्वत मांगी। रिश्वत नहीं देने पर पुलिस ने उसे कोतवाली ले जाने की धमकी दी और मारपीट करते हुए पुलिस जीप में बैठा लिया।

शांति भंग का चालान और पुलिस की सफाई
इस घटना के बाद पुलिस ने अशोक पर शांति भंग की धारा 170 के तहत कार्रवाई कर उसे चालान किया। मामले का वीडियो सामने आने के बाद पुलिस अधिकारी इस घटना पर पर्दा डालने की कोशिश कर रहे हैं। पुलिस अधीक्षक पश्चिमी मार्तंड प्रकाश सिंह ने आरोपों को निराधार बताया है और कहा कि पुलिस पर लगाए गए सभी आरोप झूठे हैं। 



पुलिस की कार्रवाई पर सवाल
यह मामला इसलिए भी सवालों के घेरे में है क्योंकि युवक और युवती ने पुलिस पर जबरन मारपीट करने और रिश्वत मांगने का आरोप लगाया है। घटना की पूरी वीडियो फुटेज ने पुलिस की कार्रवाई पर प्रश्नचिह्न खड़ा कर दिया है। सवाल यह उठता है कि यदि केवल नोकझोंक हो रही थी, तो युवक को मारपीट कर पुलिस चौकी ले जाना और फिर कोतवाली में शांति भंग की कार्रवाई करना कितना उचित था। 

आरोपों पर अधिकारियों का रुख
इस पूरे मामले में पुलिस अधिकारियों ने पुलिसकर्मियों की हरकतों पर सफाई दी है, लेकिन घटना के वीडियो सामने आने से पुलिस की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। अब देखना होगा कि इस मामले की आगे की जांच में क्या खुलासा होता है और क्या पुलिसकर्मियों पर लगे आरोपों की सच्चाई सामने आती है।

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