हाईस्कूल पास युवक संवेदनशील सूचनाओं को पहुंचा रहा था विदेश : डार्क वेब का लिया सहारा, एटीएस ने दबोचा

UPT | डार्क वेब से संवेदनशील सूचना डाउनलोड कर विदेश भेजने वाला नूर आलम

Aug 23, 2024 20:31

यूपी एटीएस की टीम इस बात का पता लगाने में जुटी है कि नूर आलम ने अब तक देश की सुरक्षा से जुड़ी कोई ऐसी जानकारी तो साझा नहीं की है, जिसकी वजह से कोई गंभीर खतरा उत्पन्न हो सकता है। नूर आलम मूल रूप से प्रदेश के बलरामपुर जनपद में सादुल्लानगर के भेलया गांव का रहने वाला है।

Lucknow News : यूपी एटीएस ने डार्क वेब और टेलीग्राम के जरिए संवेदनशील सूचना डाउनलोड कर साझा करने वाले एक शातिर को गिरफ्तार किया है। नूर आलम नाम के इस शख्स को श्रावस्ती जनपद से धर दबोचा गया है। यूपी एटीएस के मुताबिक नूर आलम ने संवेदनशील जानकारी देने के लिए एक ग्रुप बनाया हुआ था। यह डाउनलोड सूचनाओं को साझा कर क्रिप्टो करेंसी और यूपीआई के जरिए मोटी रकम वसूली करता था। नूर आलम बीते दो वर्षों में इस तरह से करीब दस लाख रुपए वसूल चुका है। इसके बनाए पेड ग्रुप में देश विदेश से करीब 70 लोग जुड़े हुए हैं। नूर आलम के बारे में एटीएस को कुछ समय पहले सर्विलांस के जरिये जानकारी मिली। इसके बाद उस पर शिकंजा कसने की योजना बनाते हुए धड़पकड़ की गई।

गिरफ्तार युवक से जुटाई जा रही जानकारी
यूपी एटीएस की टीम इस बात का पता लगाने में जुटी है कि नूर आलम ने अब तक देश की सुरक्षा से जुड़ी कोई ऐसी जानकारी तो साझा नहीं की है, जिसकी वजह से कोई गंभीर खतरा उत्पन्न हो सकता है। हालांकि अधिकारियों के अनुसार भारतीय नेता और देश की सुरक्षा संबंधी जानकारी डार्क वेब के जरिए भेद पाना संभव नहीं है। फिर भी इससे गहराई से पूछताछ की जा रही है। साथ ही इसके साथ कौन लोग जुड़े हैं, उनको लेकर भी जानकारी जुटाई जा रही है।

दो वर्षों से अवैध गतिविधियों में शामिल होकर कमाए लाखों रुपए
नूर आलम मूल रूप से प्रदेश के बलरामपुर जनपद में सादुल्लानगर के भेलया गांव का रहने वाला है। 23 वर्षीय नूर आलम हाईस्कूल तक पढ़ा है। उसके पिता शफाहत अली की गांव में दुकान है। जानकारी में सामने आया है कि नूर आलम के टेलीग्राम एप पर कई तरह के लिंक डाउनलोड किए गए हैं। इनके जरिए वीपीएन, ऑरबोट, टॉर ब्राउजर का इस्तेमाल कर वह डाटा डाउनलोड कर लेता था। इस डाटा को साझा करने के लिये उसने एक निजी चैनल बनाया हुआ है। इन जानकारी को देने के बदले वह क्रिप्टो करेंसी में रकम वसूलता था। वह अपनी नाम छुपाकर दो वर्षों से इन अवैध गतिविधियों में संलिप्त था।

यू-ट्यूब से जानकारी लेकर सीखे गुर
हाईस्कूल तक पढ़ाई करने वाले नूर आलम ने जब एटीएस से पूछताछ में डार्क वेब आदि के बारे में बताया तो अफसर भी हैरान रहे गए। उन्हें यकीन नहीं हुआ कि आखिर इतना कम पढ़ा लिखा युवक बेहद शातिर तरीके से कैसे पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों को धोखा दे रहा था। नूर आलम ने बताया कि ये सब उसने यू-ट्यूब से सीखा है। यू-टयूब के जरिये ही उसने डार्क वेब के बारे में पूरी डिटेल पता चली। उसने डार्क वेब पर कई गोपनीय जानकारियां, एप डाउनलोड कर पता करने का तरीका सीखा। इस तरह वह लाखों की रकम जुटाने में सफल रहा। नूर आलम के मोबाइल में कई एप मिले हैं, जिसे उसने छिपाकर रखा था। पहली नजर में कोई इनके बारे में नहीं जान सकता है। एटीएस की टीम उससे और ज्यादा जानकारी हासिल करने में जुटी है।

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