Nov 09, 2024 14:37
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कांग्रेस पार्टी ने उत्तर प्रदेश में अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए एक नई योजना तैयार की है। इसके तहत वह बसपा के उन नेताओं को अपनी पार्टी में शामिल करने का प्रयास कर रही है...
Lucknow News : कांग्रेस पार्टी ने उत्तर प्रदेश में अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए एक नई योजना तैयार की है। इसके तहत वह बसपा के उन नेताओं को अपनी पार्टी में शामिल करने का प्रयास कर रही है, जो वर्तमान में अपनी पार्टी में असंतुष्ट हैं। इस रणनीति का उद्देश्य आगामी चुनावों में कांग्रेस की ताकत बढ़ाना है। इस रणनीति से पार्टी को 2027 के विधानसभा चुनाव में एक मजबूत आधार हासिल करने की उम्मीद है।
लोकसभा चुनाव से कांग्रेस का आत्मविश्वास बढ़ाहाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में अपेक्षाकृत अच्छे प्रदर्शन के बाद कांग्रेस पार्टी का आत्मविश्वास काफी बढ़ा है। पार्टी अब इस आत्मविश्वास को भुनाने के लिए पूरी तरह से तैयार है। खासकर कांग्रेस ने अपनी नजर उन नेताओं पर टिका दी है जो बसपा से जुड़े हैं, ताकि वे दलित और अति पिछड़े वर्ग के वोट बैंक में सेंध लगा सकें। अगर कांग्रेस इस प्रयास में सफल होती है तो इसका सीधा लाभ समाजवादी पार्टी (सपा) को हो सकता है क्योंकि कई बार दलित वोटर सपा के साथ आने में असहज महसूस करते हैं।
उपचुनाव की तैयारी
उत्तर प्रदेश में 9 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने वाले हैं, लेकिन कांग्रेस ने अभी तक किसी भी सीट पर अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है। फिर भी पार्टी लगातार सपा के साथ गठबंधन की बात कर रही है। इस बीच कांग्रेस की कोशिश है कि अति पिछड़े और दलित वोट बैंक में सेंध लगाकर अपने वोट बैंक को बढ़ाया जा सके। इसके लिए कांग्रेस ने बसपा नेताओं की ओर टकटकी लगाए रखी है, जिनमें से कई अपने राजनीतिक भविष्य को लेकर चिंतित हैं।
जिलाध्यक्षों को दी कांग्रेस ने यह जिम्मेदारी
कांग्रेस ने अपने जिलाध्यक्षों को ऐसे नेताओं पर ध्यान देने का निर्देश दिया है जो बसपा में खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं। इन जिलाध्यक्षों की जिम्मेदारी होगी कि वे इन नेताओं से संपर्क करें और उन्हें कांग्रेस पार्टी में शामिल करने की पहल करें। कांग्रेस के नेताओं का मानना है कि राहुल गांधी और प्रियंका गांधी सामाजिक न्याय के मुद्दे को मजबूती से उठाने के लिए प्रतिबद्ध हैं और इस दिशा में काम कर रहे हैं। वहीं सियासी विशेषज्ञों का कहना है कि अगर कांग्रेस इन नेताओं को अपने पाले में लाने में सफल होती है तो यह सपा के लिए भी फायदेमंद साबित हो सकता है। पिछले लोकसभा चुनाव में दलितों ने बड़ी संख्या में कांग्रेस के पक्ष में वोट दिया था।
विभिन्न दलों के नेता कांग्रेस में होंगे शामिल
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने स्पष्ट किया है कि जल्द ही विभिन्न दलों के कई नेता कांग्रेस में शामिल होने वाले हैं। उपचुनाव से पहले भी कुछ नेता कांग्रेस की ओर झुक सकते हैं जिससे पार्टी की स्थिति और मजबूत हो सकती है। कांग्रेस की यह रणनीति न केवल मायावती के लिए चुनौतीपूर्ण साबित होगी, बल्कि यह यूपी की राजनीति में नई दिशा भी निर्धारित कर सकती है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस अपनी इस रणनीति में कितनी सफल होती है और इसका क्या प्रभाव पड़ता है।