यूपी में 27764 स्कूलों का विलय : मायावती ने योगी सरकार के फैसले पर उठाए सवाल, कहा- गरीब बच्चे कहां और कैसे पढ़ेंगे?

UPT | Mayawati

Nov 03, 2024 12:13

बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि सरकारों की इसी प्रकार की गरीब व जनविरोधी नीतियों का परिणाम है कि लोग प्राइवेट स्कूलों में अपने बच्चों को पढ़ाने को मजबूर हो रहे हैं, जैसाकि सर्वे से स्पष्ट है।

Lucknow News : बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने उत्तर प्रदेश में कम विद्यार्थियों वाले स्कूलों के दूसरे विद्यालयों में विलय करने के फैसले पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि बदहाल स्कूलों में जरूरी सुधार करने के साथ उन्हें बेहतर बनाने की दिशा में कदम उठाने चाहिए। इन्हें बंद और विलय करने का फैसला सही नहीं है।

सुधार और बेहतर करने के बजाय बंद करने का फैसला उचित नहीं
बसपा सुप्रीमो ने रविवार को सोशल साइट एक्स पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि यूपी सरकार के 50 से कम छात्रों वाले बदहाल 27764 परिषदीय प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में जरूरी सुधार करके उन्हें बेहतर बनाने के उपाय करने के बजाय उनको बंद करके उनका दूसरे स्कूलों में विलय करने का फैसला उचित नहीं। ऐसे में गरीब बच्चे आखिर कहां और कैसे पढ़ेंगे? 



प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा का बुरा हाल
उन्होंने कहा कि यूपी व देश के अधिकतर राज्यों में खासकर प्राइमरी व सेकेंडरी शिक्षा का बहुत ही बुरा हाल है जिस कारण गरीब परिवार के करोड़ों बच्चे अच्छी शिक्षा तो दूर सही शिक्षा से भी लगातार वंचित हैं। 

ओडिशा सरकार का फैसला अनुचित
बसपा सुप्रीमो ने कहा कि ओडिशा सरकार का कम छात्रों वाले स्कूलों को बंद करने का भी फैसला अनुचित है। उन्होंने कहा कि सरकारों की इसी प्रकार की गरीब व जनविरोधी नीतियों का परिणाम है कि लोग प्राइवेट स्कूलों में अपने बच्चों को पढ़ाने को मजबूर हो रहे हैं, जैसाकि सर्वे से स्पष्ट है, लेकिन सरकार द्वारा शिक्षा पर समुचित धन व ध्यान देकर इनमें जरूरी सुधार करने के बजाय इनको बंद करना ठीक नहीं है। 

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