नार्वे की टीम लखनऊ में लगाएगी बायो सीएनजी प्लांट : शिवरी कूड़ा निस्तारण केंद्र के निरीक्षण के बाद मिला ग्रीन सिग्नल

UPT | Lucknow Nagar Nigam

Nov 13, 2024 12:16

शिवरी प्लांट का दौरा कर टीम ने वहां की स्थिति, कचरे की प्रोसेसिंग प्रक्रिया और निकलने वाली गैस की संभावनाओं का अध्ययन किया। इस दौरान टीम ने नगर आयुक्त और अन्य अधिकारियों से मुलाकात कर कचरा प्रबंधन के तकनीकी पहलुओं पर चर्चा की।

Lucknow News : शहर ​के शिवरी प्लांट में बायो सीएनजी प्लांट लगाने की संभावनाएं तलाशी जानी लगी है। इसके लिए नार्वे से आई एक विशेष टीम ने जायजा लिया है। इस टीम ने प्लांट में चार घंटे तक कचरे की गुणवत्ता और उसकी प्रोसेसिंग का गहन अध्ययन किया। टीम को यहां बायो सीएनजी प्लांट लगाने के लिए उपयुक्त कचरा मिला, जो आगे की प्रक्रिया के लिए सहायक साबित हो सकता है। नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह और शिवरी प्लांट के प्रभारी डॉ. अरविंद राव ने नार्वे की टीम को इस प्रोजेक्ट के विभिन्न पहलुओं की जानकारी दी है।

कचरे से ऊर्जा उत्पादन पर जोर
नार्वे इंडिया चैंबर्स ऑफ कॉमर्स इंडस्ट्रीज के प्रतिनिधिमंडल ने लखनऊ से पहले कानपुर और दिल्ली में भी प्लांट्स का दौरा किया है। अधिकारी उम्मीद कर रहे हैं कि लखनऊ में बायो सीएनजी प्लांट लगाने की दिशा में अब तेजी से प्रक्रिया आगे बढ़ेगी। नार्वे के प्रतिनिधिमंडल के दौरे का मुख्य उद्देश्य कचरे से निकलने वाली गैस के व्यावसायिक उपयोग की संभावनाओं का अध्ययन करना रहा। नार्वे सरकार ने उत्तर प्रदेश सरकार के साथ बायो सीएनजी प्लांट लगाने को लेकर एक एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं। इस वजह से प्रोजेक्ट के जल्द आगे बढ़ने की उम्मीद की जा रही है।



विशिष्ट कचरे की गुणवत्ता पर नजर
शिवरी प्लांट का दौरा कर टीम ने वहां की स्थिति, कचरे की प्रोसेसिंग प्रक्रिया और निकलने वाली गैस की संभावनाओं का अध्ययन किया। इस दौरान टीम ने नगर आयुक्त और अन्य अधिकारियों से मुलाकात कर कचरा प्रबंधन के तकनीकी पहलुओं पर चर्चा की। अध्ययन के बाद टीम ने विजिटर्स बुक में प्लांट के संचालन की सराहना करते हुए अपने सकारात्मक अनुभव को साझा किया। 

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड भी सक्रिय
इससे पहले प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव संजीव कुमार सिंह भी अपनी टीम के साथ शिवरी प्लांट का दौरा कर चुके हैं। उन्होंने प्लांट के संचालन और कचरा प्रबंधन के तरीकों का अवलोकन किया। यह दौरा प्लांट की तैयारियों और उसकी पर्यावरणीय अनुकूलता की जांच के लिए बताया जा रहा है।

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