पिपराघाट से शहीद पथ तक 4-लेन सड़क निर्माण का रास्ता साफ : सैन्य मंत्रालय ने एलडीए को सौंपी छावनी क्षेत्र की 21.81 हेक्टेयर भूमि

UPT | LDA

Nov 13, 2024 20:51

ग्रीन कॉरिडोर परियोजना के तीसरे चरण के अंतर्गत पिपराघाट से शहीद पथ तक 4-लेन सड़क और बंधा निर्माण के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय किया गया है। सैन्य मंत्रालय ने छावनी क्षेत्र की 21.81 हेक्टेयर भूमि लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) को सौंपने की स्वीकृति दे दी है।

Lucknow News : ग्रीन कॉरिडोर परियोजना के तीसरे चरण के अंतर्गत पिपराघाट से शहीद पथ तक 4-लेन सड़क और बंधा निर्माण के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय किया गया है। सैन्य मंत्रालय ने छावनी क्षेत्र की 21.81 हेक्टेयर भूमि लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) को सौंपने की स्वीकृति दे दी है। इससे न केवल सैन्य भूमि पर होने वाले जलभराव से स्थायी निजात मिलेगी, बल्कि छावनी में रहने वाले सेना के अधिकारियों और नागरिकों को एयरपोर्ट के लिए बेहतर कनेक्टिविटी भी मिलेगी।

एलडीए को मिली छावनी क्षेत्र की 21.81 हेक्टेयर भूमि
एलडीए के उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने बताया ग्रीन कॉरिडोर परियोजना के तीसरे चरण में गोमती नदी के दाहिने तट पर 5.8 किलोमीटर लंबा फ्लड इम्बैंकमेंट (बंधा) बनाने का प्रस्ताव है। इसका 2.8 किलोमीटर हिस्सा छावनी क्षेत्र में आता है, जिसके लिए सैन्य मंत्रालय से 21.81 हेक्टेयर भूमि एलडीए को देने की अनुमति मिल गई है। इस परियोजना से बरसात के मौसम में सैन्य भूमि पर जलभराव की समस्या हल होगी और बाढ़ से प्रभावित भूमि की उपयोगिता में वृद्धि होगी।



बनेंगे 3 अंडरपास और रोटरी
सैन्य मंत्रालय ने बंधे के निर्माण के दौरान सुरक्षा को भी ध्यान में रखते हुए कुछ दिशा-निर्देश दिए हैं। इनमें बंधे के निर्माण के लिए सेना की भूमि से मिट्टी की खोदाई न करने और छावनी क्षेत्र में तीन अंडरपास या रोटरी विकसित करने की शर्त रखी गई है। इसके अलावा, बंधे के निर्माण के बाद सुरक्षा के उपायों के तहत बैरिकेडिंग और अन्य प्रबंध किए जाएंगे ताकि अवैध प्रवेश पर रोक लगाई जा सके। इस परियोजना में छावनी क्षेत्र में रहने वाले सेना के अधिकारियों और जवानों के लिए दिलकुशा तक एक लिंक भी प्रदान किया जाएगा, ताकि उनका आवागमन सुगम हो सके। एलडीए द्वारा पहले ही बंधे के एलाइनमेंट में आवश्यक बदलाव किए जा चुके हैं।

सुविधाओं का होगा विस्तार
एलडीए के वाइस चेयरमैन प्रथमेश कुमार ने बताया कि ग्रीन कॉरिडोर परियोजना के इस हिस्से से शहरवासियों को एयरपोर्ट तक पहुंचने के लिए एक सुगम और बेहतर मार्ग मिलेगा। साथ ही, बंधे के बनने से क्षेत्र में जलभराव की समस्या भी समाप्त हो जाएगी, जिससे शहरवासियों को राहत मिलेगी।

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