कांग्रेस कार्यकर्ता की मौत की जांच एसआईटी के हवाले : कब्जे में लिया मोबाइल, प्रदर्शन में बुलाने वालों की पड़ताल

UPT | कांग्रेस कार्यकर्ता प्रभात पांडेय की मौत की तेज हुई जांच

Dec 21, 2024 09:48

पुलिस ने कांग्रेस कार्यालय के सील किए गए कमरे नंबर 30 को खोलकर दफ्तर के कर्मचारियों से पूछताछ की। दफ्तर के कर्मचारियों ने पुलिस को बताया कि जब प्रभात की तबीयत बिगड़ी, तो उन्हें कमरे में गद्दे पर लिटाया गया था।

Lucknow News : कांग्रेस के विधानभवन घेराव कार्यक्रम के दौरान गोरखपुर के यूथ विंग के प्रदेश महासचिव प्रभात पांडेय की मौत के मामले में पुलिस की जांच धीरे-धीरे आगे बढ़ रही है। पुलिस टीम कई बार प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय जाकर जांच पड़ताल कर चुकी हैं। शुक्रवार रात को भी पुलिस ने घटना स्थल का निरीक्षण किया। इस दौरान प्रभात के चाचा मनीष पांडेय भी पुलिस के साथ मौजूद रहे। 

कमरा नंबर 30 को खोलकर कर्मचारियों से पूछताछ
पुलिस ने कांग्रेस कार्यालय के सील किए गए कमरे नंबर 30 को खोलकर दफ्तर के कर्मचारियों से पूछताछ की। दफ्तर के कर्मचारियों ने पुलिस को बताया कि जब प्रभात की तबीयत बिगड़ी, तो उन्हें कमरे में गद्दे पर लिटाया गया था। सभी संबंधित व्यक्तियों के बयान पुलिस द्वारा दर्ज किए गए हैं।



एसआईटी करेगी गहन जांच
इस मामले में पुलिस आयुक्त के निर्देश पर डीसीपी मध्य रवीना त्यागी ने एक विशेष जांच टीम (एसआईटी) का गठन किया है। एसीपी हजरतगंज विकास जायसवाल के मुताबिक, प्रभात के चाचा मनीष उनके अंतिम संस्कार के बाद गोरखपुर से लौटे और उनके साथ पुलिस कांग्रेस कार्यालय पहुंची। प्रभात को प्रदर्शन में किसने बुलाया था, यह अब तक स्पष्ट नहीं हो सका है। एसआईटी यह पता लगाने का प्रयास करेगी कि प्रदर्शन में उनकी भागीदारी के पीछे कौन था और किन परिस्थितियों में उनकी मृत्यु हुई।

प्रभात का मोबाइल फोन कब्जे में, डाटा खंगाला जाएगा
प्रभात पांडेय का मोबाइल फोन उनके चाचा मनीष गोरखपुर ले गए थे। पुलिस ने शुक्रवार को मनीष से मोबाइल फोन अपने कब्जे में लिया और अब डिवाइस की गहन जांच की जा रही है। पुलिस फोन के मैसेज और चैट का विश्लेषण कर यह पता लगाने का प्रयास कर रही है कि प्रभात को प्रदर्शन में शामिल होने के लिए किसने बुलाया था। अभी तक इस दिशा में पुलिस को ठोस जानकारी नहीं मिल सकी है।

लापरवाही पर कार्रवाई की तैयारी
इसके साथ ही हुसैनगंज पुलिस पूरे घटनाक्रम में लापरवाही बरतने वाले कांग्रेस कार्यालय के कर्मचारियों और कार्यकर्ताओं के बारे में जानकारी इकट्ठा कर रही है। पुलिस का मानना है कि प्रभात को अस्पताल ले जाने में देरी हुई, जिसके लिए जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, उन लोगों की सूची तैयार की जा रही है जिन्होंने प्रभात को कमरे में लिटाया। पुलिस सीसीटीवी फुटेज की समीक्षा कर घटनास्थल की गतिविधियों का ब्योरा तैयार कर रही है।

क्या है पूरा मामला?
कांग्रेस कार्यालय में प्रदर्शन के दौरान विगत 18 दिसंबर की शाम प्रभात पांडेय बेहोश पाए गए थे। उन्हें तत्काल सिविल अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। प्रभात के चाचा मनीष ने हुसैनगंज थाने में अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। प्रभात एमिटी यूनिवर्सिटी के पास एक पीजी में रहकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे थे।

प्रदर्शन में बुलाने वाले पर फोकस
प्रभात को प्रदर्शन में बुलाने वाले का अब तक कोई सुराग नहीं मिल पाया है। पुलिस की जांच का मुख्य बिंदु यह है कि आखिर किसके कहने पर प्रभात कांग्रेस कार्यालय पहुंचे। दफ्तर के कर्मचारियों और प्रदर्शन में शामिल अन्य लोगों से पूछताछ की जा रही है। एसआईटी इस सवाल का जवाब ढूंढने का प्रयास करेगी कि प्रभात को प्रदर्शन में शामिल होने के लिए प्रेरित करने वाला व्यक्ति कौन था।
 

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