राजस्व पत्रावलियों में छेड़छाड़ का मामला : एसडीएम अरुणिमा श्रीवास्तव प्रथम दृष्टया दोषी, लखनऊ की कमिश्नर करेंगी जांच

UPT | SDM Dr. Arunima Shrivastava

Dec 21, 2024 11:06

हरदोई के जिलाधिकारी द्वारा की गई रिपोर्ट में इस प्रकरण की गंभीरता को स्पष्ट किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, डॉ. अरुणिमा के कार्यों ने प्रशासनिक प्रक्रियाओं में गड़बड़ी की संभावना को उजागर किया है। इसी के आधार पर शासन ने अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की है।

Lucknow News : हरदोई जनपद की एसडीएम डॉ. अरुणिमा श्रीवास्तव को राजस्व न्यायालय के मुकदमों की पत्रावलियों में छेड़छाड़ के गंभीर आरोप में प्रथम दृष्टया दोषी पाया गया है। शासन ने उनके खिलाफ उत्तर प्रदेश सरकारी सेवक (अनुशासन एवं अपील) नियमावली 1999 के नियम-7 के तहत अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू करने के आदेश दिए हैं। इस प्रावधान के अंतर्गत दोष सिद्ध होने पर बर्खास्तगी तक की कार्रवाई हो सकती है।

लखनऊ कमिश्नर करेंगी जांच
शासन के आदेशानुसार, इस प्रकरण की जांच लखनऊ मंडल की कमिश्नर को सौंपी गई है। जांच में यह तय किया जाएगा कि एसडीएम डॉ. अरुणिमा द्वारा राजस्व पत्रावलियों में की गई छेड़छाड़ की प्रकृति कितनी गंभीर है और इसमें उनका व्यक्तिगत दायित्व क्या है। जारी आदेश में उल्लेख है कि सवायजपुर की उपजिलाधिकारी रहते हुए डॉ. अरुणिमा ने अपने कार्यों का सही ढंग से निर्वहन नहीं किया। राजस्व न्यायालय की वाद पत्रावलियों के रखरखाव में गंभीर त्रुटियां पाई गईं। उनकी इस लापरवाही के चलते शासन और प्रशासन की छवि को धक्का लगा है।



डीएम की रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई, एसडीएम संडीला के पद पर वर्तमान में तैनाती
हरदोई के जिलाधिकारी द्वारा की गई रिपोर्ट में इस प्रकरण की गंभीरता को स्पष्ट किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, डॉ. अरुणिमा के कार्यों ने प्रशासनिक प्रक्रियाओं में गड़बड़ी की संभावना को उजागर किया है। इसी के आधार पर शासन ने अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की है। फिलहाल, डॉ. अरुणिमा हरदोई जिले के संडीला में एसडीएम के पद पर कार्यरत हैं। इस आदेश की एक प्रति हरदोई के डीएम कार्यालय को भी भेजी गई है। डीएम को निर्देशित किया गया है कि वे इस मामले में आवश्यक साक्ष्य और आरोपपत्र 15 दिनों के भीतर तैयार कर उपलब्ध कराएं।

जांच के बाद हो सकती है सख्त कार्रवाई
जांच के दौरान डॉ. अरुणिमा के खिलाफ सभी साक्ष्यों की समीक्षा की जाएगी। दोष सिद्ध होने पर उनके खिलाफ शासन स्तर पर कड़ी कार्रवाई की जा सकती है। इसमें निलंबन जैसा एक्शन भी लिया जा सकता है।

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