यूनिफाइड पेंशन स्कीम को मंजूरी : 2025 में लागू होगी नई व्यवस्था,  केंद्रीय मंत्री जयंत चौधरी ने दी प्रतिक्रिया

UPT | Jayant Chaudhary

Aug 25, 2024 16:25

यह नवीन योजना 1 अप्रैल, 2025 से प्रभावी होगी और इसका उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के बाद एक निश्चित पेंशन सुनिश्चित करना है। इस पहल से केंद्र सरकार के लगभग 23 लाख कर्मचारियों को लाभ...

Short Highlights
  • यूनिफाइड पेंशन स्कीम को स्वीकृति
  • योजना 1 अप्रैल, 2025 से प्रभावी होगी
  • 23 लाख कर्मचारियों को लाभ मिलने की संभावना
Lucknow News : मोदी सरकार ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) को स्वीकृति प्रदान की है। यह नवीन योजना 1 अप्रैल, 2025 से प्रभावी होगी और इसका उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के बाद एक निश्चित पेंशन सुनिश्चित करना है। इस पहल से केंद्र सरकार के लगभग 23 लाख कर्मचारियों को लाभ मिलने की संभावना है। केंद्र सरकार के इस फैसले पर मंत्री जयंत चौधरी ने प्रतिक्रिया दी है।

जयंत चौधरी ने फैसले का किया स्वागत
केंद्रीय मंत्री जयंत चौधरी ने इस योजना का स्वागत करते हुए इसे सरकारी कर्मचारियों की वित्तीय सुरक्षा को बढ़ावा देने वाला कदम बताया। उन्होंने कहा कि यह नीति न केवल कर्मचारियों के हित में है, बल्कि यह भारत सरकार के सुधार कार्यक्रमों को भी आगे बढ़ाएगी।

नई यूनिफाइड पेंशन स्कीम को मिली मंजूरी
दरअसल, यूनिफाइड पेंशन स्कीम के तहत, केंद्र सरकार के कर्मचारियों को मौजूदा नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) और नई यूपीएस के बीच चयन करने का विकल्प दिया जाएगा। साथ ही, राज्य सरकारों को भी इस योजना को अपनाने का विकल्प होगा। यदि सभी राज्य इसे स्वीकार करते हैं, तो लाभार्थियों की संख्या लगभग 90 लाख तक पहुंच सकती है।



पहले वर्ष में इतनी वृद्धि का अनुमान
सरकार के अनुमान के अनुसार, इस योजना के कार्यान्वयन में पहले वर्ष में लगभग 6,250 करोड़ रुपये की वार्षिक लागत वृद्धि होगी। यह योजना 1 अप्रैल, 2025 से लागू हो जाएगी। इसके अलावा, बकाया राशि के भुगतान पर लगभग 800 करोड़ रुपये का अतिरिक्त व्यय होने की संभावना है।

विशेष समिति ने किया विचार-विमर्श
वहीं केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि यह योजना सरकारी कर्मचारियों की मांगों को ध्यान में रखते हुए तैयार की गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर कैबिनेट सचिव टी.वी. सोमनाथन के अध्यक्षता में गठित एक विशेष समिति ने विभिन्न संगठनों और राज्यों के साथ व्यापक विचार-विमर्श के बाद इस योजना को अंतिम रूप दिया है। यह सरकारी कर्मचारियों के भविष्य को सुरक्षित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास माना जा रहा है।

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