यूपी के 71 महाविद्यालयों को मिला राजकीय दर्जा : प्राचार्य से लेकर ग्रेड फोर तक सभी पद होंगे सरकारी

UPT | UP Cabinet Decision

Nov 22, 2024 23:24

प्रदेश में 71 नवनिर्मित-निर्माणाधीन महाविद्यालयों को राजकीय महाविद्यालय का दर्जा दिया गया है। इसके साथ ही बिजनौर में विवेक विश्वविद्यालय के गठन को मंजूरी दी गई है।

Lucknow News : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई मंत्री परिषद की बैठक में उच्च शिक्षा को लेकर दो बड़े फैसले लिए गए। प्रदेश में 71 नवनिर्मित-निर्माणाधीन महाविद्यालयों को राजकीय महाविद्यालय का दर्जा दिया गया है। इसके साथ ही बिजनौर में विवेक विश्वविद्यालय के गठन को मंजूरी दी गई है। ये निर्णय प्रदेश में गुणवत्तापूर्ण और सुलभ उच्च शिक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में मील का पत्थर साबित होंगे।

राजकीय दर्जा से शिक्षा और रोजगार में सुधार
उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय ने जानकारी दी कि वर्तमान में प्रदेश में 171 राजकीय महाविद्यालय संचालित हैं। अब 71 नए महाविद्यालयों को भी इसमें शामिल किया गया है। इन महाविद्यालयों में प्राचार्य और सहायक आचार्य समेत कुल 2,485 पद सृजित किए जाएंगे। इससे रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा। शिक्षा मंत्री ने बताया कि पहले इन महाविद्यालयों का संचालन विश्वविद्यालयों द्वारा किया जाता था, लेकिन सुचारू संचालन में आ रही चुनौतियों के चलते इन्हें अब प्रदेश सरकार द्वारा संचालित किया जाएगा।



बिजनौर में खुलेगा विवेक विश्वविद्यालय
प्रदेश में निजी उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए बिजनौर में विवेक विश्वविद्यालय की स्थापना को हरी झंडी दी गई है। उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि इससे प्रदेश में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा मिलेगा और निजी एवं सरकारी विश्वविद्यालयों की गुणवत्ता में सुधार होगा।

शैक्षिक सुधारों में यूपी बना अग्रणी
पिछले कुछ वर्षों में उत्तर प्रदेश के विश्वविद्यालयों ने नैक ग्रेडिंग में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। राज्य के 7 विश्वविद्यालयों ने ए डबल प्लस ग्रेड प्राप्त किया है, जबकि 6 निजी विश्वविद्यालय ए प्लस ग्रेड में शामिल हो चुके हैं। मंत्री ने बताया कि योगी सरकार का लक्ष्य अगले 5 साल में हर जिले में कम से कम एक विश्वविद्यालय स्थापित करने का है।

इस पहल से शिक्षा क्षेत्र में क्रांति
सरकार के इन ऐतिहासिक फैसलों से न केवल उच्च शिक्षा को नया आयाम मिलेगा, बल्कि रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। यह कदम प्रदेश को राष्ट्रीय स्तर पर शैक्षिक मानकों में अग्रणी बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगा।

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